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100 साल बाद बना है करवाचौथ का दुर्लभ संयोग, ऐसे करें चंद्र देव की पूजा

अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना के लिए रखा जाने करवाचौथ हर भारतीय महिला के लिए सबसे खास होता है।

Updated on: 19 Oct 2016, 02:05 PM

नई दिल्ली:

अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना के लिए रखा जाने करवाचौथ हर भारतीय महिला के लिए सबसे खास होता है। लेकिन इस बार सुहाग का यह पर्व अपने साथ एक खास सौगात लेकर आने वाला है, क्योंकि इस बार करवाचौथ पर पूरे सौ साल बाद एक ऐसा संयोग बन रहा है जिसमें करवाचौथ का व्रत करने से महिलाओं को सौ व्रतों का वरदान मिल सकता है।

क्यों खास है करवाचौथ

इस साल, यह व्रत विशेष रूप से फलदायी होने वाला है क्योंकि 100 साल बाद करवाचौथ का महासंयोग बना है। दरअसल इस साल करवा चौथ का त्यौहार बुधवार को मनाया जा रहा है। बुधवार को शुभ कार्तिक मास का रोहिणी नक्षत्र है। इस दिन चन्द्रमा अपने रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे।

इसी दिन गणेश चतुर्थी और कृष्ण जी की रोहिणी नक्षत्र भी है। बुधवार गणेश जी और कृष्ण जी दोनों का दिन है। ये अद्भुत संयोग करवाचौथ के व्रत को और भी शुभ फलदायी बना रहा है। इस दिन पति की लंबी उम्र के साथ संतान सुख भी मिल सकता है।

कैसे करें पूजा

इस दिन न केवल चंद्र देवता की पूजा होती है अपितु शिव-पार्वती और कार्तिकेय की भी पूजा की जाती है। सबसे पहले संपूर्ण शिव परिवार और श्रीकृष्ण की स्थापना करें। गणेश जी को पीले फूलों की माला, लड्डू और केले चढ़ाएं। भगवान शिव और पार्वती को बेलपत्र और श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें। मिटटी के कर्वे पर रोली से स्वस्तिक बनाएं।

कर्वे में दूध, जल और गुलाबजल मिलाकर रखें और रात को छलनी के प्रयोग से चांद को देखें और चांद को अर्घ्य दें। इस दिन करवा चौथ की कथा कहनी या फिर सुननी आवश्यक होता है। जिसके बिना यह व्रत अधूरा होता है। 

व्रत की ये है कथा

कथा है कि जब पांडव वन-वन भटक रहे थे तो भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को इस दिव्य व्रत के बारे में बताया था। इस व्रत के प्रताप से द्रौपदी ने अपने सुहाग की लंबी उम्र का वरदान पाया था। करवाचौथ के दिन श्री गणेश, मां गौरी, चंद्रमा की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि चंद्रमा पूजन से पति की लंबी उम्र होती है। दांपत्य सुख का वरदान मिलता है। इसके अलावा अन्य कई कथाएं हैं। ज्योतिष वैज्ञानिक भारत ज्ञान भूषण का कहना है कि करवाचौथ का त्यौहार वैवाहिक जीवन की सफलता का महापर्व है।

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