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Ramayan Chaupai: ये हैं रामायण की 10 प्रसिद्ध चौपाईयां, जानें इनका अर्थ

रामायण महाकाव्य में चौपाईयों का एक महत्वपूर्ण भाग हैं, जो भगवान राम के जीवन और उनकी कथाओं को सुंदरता से व्यक्त करती हैं. यहां आपको रामायण की 10 प्रसिद्ध चौपाईयां और उनका अर्थ बता रहे हैं.

Updated on: 03 Jan 2024, 12:17 PM

नई दिल्ली:

Ramayan Chaupai: रामायण एक प्राचीन भारतीय साहित्य काव्य है जो महाकाव्य के रूप में माना जाता है. इसका रचना-काल लगभग 5,000 वर्ष पहले माना जाता है. रामायण का शीर्षक भगवान राम के जीवन की कहानी से लिया गया है, जिसे वाल्मीकि मुनि ने रचा था. रामायण की कहानी मुख्यत: भगवान राम, उनकी पत्नी सीता, और उनके भक्त हनुमान के चरित्र पर केंद्रित है. भगवान राम अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र थे और उन्हें अपने पिता के आदेश पर वनवास जाना पड़ता है. सीता, राम की पत्नी, अयोध्या की रानी थीं जो रावण नामक राक्षस राजा द्वारा किड़नैप कर ली जाती हैं.

इसके बाद भगवान राम, भक्त हनुमान के साथ मिलकर लंका जाकर सीता को मुक्त करते हैं. रामायण में भक्ति, धर्म, नैतिकता, और कर्म के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को सुंदरता से बताया गया है. इसके चौपाई, दोहे और श्लोक आदि रामचरितमानस, तुलसीदास द्वारा रचित हिंदी में, भी बहुत लोकप्रिय हैं. रामायण भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक ग्रंथों में से एक है और इसे अनेक भाषाओं में अनुवादित किया गया है. रामायण महाकाव्य में चौपाईयों का एक महत्वपूर्ण भाग हैं, जो भगवान राम के जीवन और उनकी कथाओं को सुंदरता से व्यक्त करती हैं. यहां आपको रामायण की 10 प्रसिद्ध चौपाईयां और उनका अर्थ बता रहे हैं.

चौपाई: श्रीरामचंद्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम्.

अर्थ: हे मन! भगवान रामचंद्र, जो हृदय के करुणामय हैं, उनकी भक्ति कर, जो संसार के भयकर हैं और भवरोग को नष्ट करने वाले हैं.

चौपाई: बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवनकुमार.

अर्थ: हे पवनपुत्र हनुमान, मैं तुझे याद करता हूँ जब मेरा मन बुद्धिहीन हो जाता है, ताकि मेरी बुद्धि सहारा दे.

चौपाई: यह भूत प्रेत आदि, न तें आवै जब तें प्रेम करै.

अर्थ: जब भक्त भगवान में प्रेम करता है, तो उस पर कोई भूत, प्रेत आदि कुछ भी प्रभाव नहीं डाल सकते.

चौपाई: जब लगु भय रही तब लगु आपू होई.

अर्थ: जब भक्ति में भय रहता है, तब वहां भगवान का साक्षात्कार होता है.

चौपाई: तुम्हरो मन्त्र बिभीषन माना.

अर्थ: हे हनुमान, तुम्हारे मंत्र को बिभीषण ने स्वीकार किया था.

चौपाई: राम दुआरे तुम रखवारे.

अर्थ: हे हनुमान, तुम्हारा संरक्षण भगवान राम के द्वारा ही होता है.

चौपाई: सुख राहे हमारी छाया.

अर्थ: हे राम, हमारे ऊपर अपने सुखमय छाया की रक्षा करो.

चौपाई: यह सुधासर बिसाल बनाइ.

अर्थ: हे राम, आपकी लीलाएं अमृत के समान हैं और वे हमें आपके प्रति प्रेम में लिपटा देती हैं.

चौपाई: यह तात मम प्रभु की सुनहु रावनहि तब प्रबु मोहि पाए.

अर्थ: हे हनुमान, तुमने रावण को मेरे प्रभु की यह बात सुनाई थी, तब उसने मुझे पा लिया.

चौपाई: एक बार जानकी रानी तजि सिया सहित हरषइ.

अर्थ: एक बार जानकी रानी ने राम को सहित हर्षित होकर अपने शरीर को त्याग दिया.

ये चौपाईयाँ रामायण के अद्वितीय सुंदर कथा को सुंदरता से व्यक्त करती हैं और भक्ति भावना को प्रोत्साहित करती हैं.

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