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Sanatan Dharma: सनातन धर्म मूल मंत्र क्या हैं, जाने हिंदू धर्म में इसका महत्व

Sanatan Dharma: सनातन धर्म को लेकर आधुनिक इतिहासकारों में व्यापक मतभेद है. आधुनिक इतिहासकार प्राचीन भारत के इतिहास का अध्ययन करके ही सनातन धर्म को समझने का प्रयास करते हैं. लेकिन, कुछ बुनियादी सिद्धांत हैं जो सभी सनातन धर्मों में समान हैं:

Updated on: 17 Mar 2024, 11:05 AM

नई दिल्ली :

Sanatan Dharma: सनातन धर्म में एक ही मूल मंत्र नहीं है, क्योंकि यह एक विविध धर्म है जिसमें कई अलग-अलग परंपराएं और दर्शन हैं. सनातन धर्म का इतिहास बहुत प्राचीन है और इसका उत्पत्ति स्थायीत्व से अधिक समय पहले हो सकता है. यह भारतीय उपमहाद्वीप का एक प्राचीन धार्मिक पथ है और इसे अनेक आचार्यों, धार्मिक ग्रंथों, और संस्कृति के तत्वों के माध्यम से व्यक्त किया जाता है. सनातन धर्म के इतिहास में बहुत सारे महत्वपूर्ण घटनाक्रम हैं, जिनमें धर्मग्रंथों की रचना, आचार्यों के जीवन, और धार्मिक संस्कृतियों का विकास शामिल है. सनातन धर्म का इतिहास ब्रह्माण्ड से लेकर महाभारत युद्ध, वेदों की उत्पत्ति, उपनिषदों का उदय, रामायण का गाथा, गीता का उत्थान, और भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ा है. सनातन धर्म का इतिहास एक अत्यंत विस्तृत और गौरवमय इतिहास है, जो विभिन्न कालों और क्षेत्रों में विकसित हुआ है. इसका अध्ययन हमें हमारे संस्कृति और धर्म के समृद्ध विरासत के प्रति गहरा ज्ञान प्रदान करता है.

लेकिन, कुछ ऐसे मूल सिद्धांत हैं जो सभी सनातन धर्मों में समान हैं:

1. ईश्वर: सनातन धर्म में, ईश्वर को सर्वोच्च सत्ता माना जाता है.

2. आत्मा: सनातन धर्म में, आत्मा को अमर माना जाता है.

3. कर्म: सनातन धर्म में, कर्म को जीवन में किए गए कार्यों का परिणाम माना जाता है.

4. पुनर्जन्म: सनातन धर्म में, पुनर्जन्म को आत्मा के जन्म और मृत्यु के चक्र को माना जाता है.

5. मोक्ष: सनातन धर्म में, मोक्ष को जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति माना जाता है.

इन मूल सिद्धांतों के अलावा, सनातन धर्म में कई अन्य महत्वपूर्ण शिक्षाएं भी हैं, जैसे: कर्तव्यों का पालन करें और धर्म के मार्ग पर चलें. सभी प्राणियों के प्रति दया और अहिंसा के साथ व्यवहार करें. सत्य का पालन करें और हमेशा सत्य का आदर्श बनाए रखें. शांति और सम्मान के साथ अपने और दूसरों के बीच समाधान का मार्ग चुनें. सभी प्राणियों के प्रति प्रेम और सहानुभूति बनाए रखें. आध्यात्मिक अभ्यास और साधना के माध्यम से अपने मन को शुद्ध और उद्धारण करें. अपने आत्मा की शुद्धि के लिए ध्यान का अभ्यास करें. सनातन धर्म का मुख्य उद्देश्य आत्म-साक्षात्कार और मोक्ष प्राप्त करना है. यह धर्म हमें सिखाता है कि हमें अपने जीवन में सदाचार का पालन करना चाहिए और दूसरों के प्रति दया और करुणा का भाव रखना चाहिए.

सनातन धर्म के कुछ प्रमुख मंत्र हैं:

1. ॐ: यह ब्रह्मांड का मूल मंत्र माना जाता है. को सनातन धर्म का सबसे महत्वपूर्ण मंत्र माना जाता है. यह ब्रह्मांड, ईश्वर और आत्मा का प्रतीक है. ॐ का उच्चारण करने से मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है.

2. गायत्री मंत्र: यह एक शक्तिशाली मंत्र है जो ज्ञान और प्रबुद्धता प्रदान करता है. गायत्री मंत्र को सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक माना जाता है. यह ज्ञान, प्रकाश और आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रार्थना का मंत्र है.

3. महर्षि दयानंद सरस्वती का मंत्र: "ॐ सह नाववतु सह नौ भुनक्तु सह वीर्यं करवावहै. तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै. ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः."

4. "सर्वे भवन्तु सुखिनः": यह मंत्र सभी जीवों की खुशी और कल्याण की कामना करता है.

5. "तत्वमसि": यह मंत्र आत्मा और ब्रह्म की एकता का बोध कराता है.

6. "अहिंसा परमो धर्मः": यह मंत्र अहिंसा को सबसे बड़ा धर्म बताता है.

7. "वसुधैव कुटुम्बकम": यह मंत्र पूरी दुनिया को एक परिवार मानता है.

8. "सत्यमेव जयते": यह मंत्र सत्य की विजय का प्रतीक है.

9. महा मृत्युंजय मंत्र: यह एक मंत्र है जो मृत्यु पर विजय प्राप्त करने के लिए माना जाता है.

सनातन धर्म एक बहुत ही गहरा और जटिल धर्म है. इन मंत्रों का जप करने से मन को शांति और एकाग्रता प्राप्त होती है और आध्यात्मिक उन्नति में मदद मिलती है.  

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)