logo-image
लोकसभा चुनाव

Rudraksha Ke Niyam: रुद्राक्ष धारण करने से पहले जान लें ये जरूर बात, वरना भगवान शिव के क्रोध का करना पड़ सकता है सामना!

Rudraksha Ke Niyam: शास्त्रों में रुद्राक्ष धारण करने को लेकर कई नियम बताए गए हैं. आपको इन नियमों के बारे में जरूर जानना चाहिए क्योंकि तब ही इसका पूरा फल मिलेगा.

Updated on: 29 Nov 2023, 10:31 AM

नई दिल्ली:

Rudraksha Ke Niyam: हिंदू धर्म के शास्त्रों में रुद्राक्ष का काफी महत्व है व इसे काफी पूजनीय भी माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को रुद्राक्ष बेहद प्रिय है. यही कारण है कि जो भी व्यक्ति रुद्राक्ष पहनता है उसपर भगवान शिव की असमी कृपा बरसती है. इतना ही नहीं,  शिव जी की कृपा से जातक के जीवन में चल रही सभी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं. यूं तो भोलेनाथ को प्रसन्न करने और उनकी कृपा के लिए ज्यादातर लोग रुद्राक्ष धारण करते हैं. लेकिन शास्त्रों में रुद्राक्ष धारण करने को लेकर कई नियम बताए गए हैं. आपको इन नियमों के बारे में जरूर जानना चाहिए क्योंकि तब ही इसका पूरा फल मिलेगा. तो चलिए जानते हैं कि रुद्राक्ष पहनने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. 

कैसे बना रुद्राक्ष ?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आसुंओं हुई है. इसलिए इसे काफी चमत्कारिक व अलौकिक माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि कई सालों की तपस्या के बाद जब शिवजी ने अपनी आंखें खोली तो उनके आंखों से गिरे आंसुओ से रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई. ऐसी मान्यता है कि जो भी नियमानुसार रुद्राक्ष धारण करता है तो उसके जीवन में किसी भी तरह की समस्या नहीं आती. तो चलिए जानते हैं रुद्राक्ष धारण करने का सही नियम क्या है. 

जानें रुद्राक्ष पहनने के सही नियम के बारे में 

1. प्रात:काल जब रुद्राक्ष धारण करें तो रुद्राक्ष मंत्र और रुद्राक्ष मूल मंत्र का 9 बार जाप करना चाहिए, साथ ही इसे सोने से पहले और रुद्राक्ष को हटाने के बाद भी दोहराया जाना चाहिए। रुद्राक्ष को एक बार निकाल लेने के बाद उस पवित्र स्थान पर रखना चाहिए जहां आप पूजा करते हैं।

1. जब भी रुद्राक्ष धारण करें तो सबसे पहले रुद्राक्ष मंत्र और रुद्राक्ष मूल मंत्र 9 बार जाप जरूर करें. इसके साथ ही शिव मंत्र 'ऊँ नम: शिवाय' का भी जाप करते रहें।

2. रुद्राक्ष को बेहद पवित्र व पूजनीय माना जाता है इसलिए इसे पहलकर कभी भी मांस-मदिरा का सेवन न करें. 

3. ऐसा कहा जाता है कि  कभी भी रुद्राक्ष को श्मशान घाट पर नहीं ले जाना चाहिए. इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि जहां नवजात शिशु का जन्म होता है वहां भी इसे ले जाने की मनाही है. 

4. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए. 

5. कभी भी रुद्राक्ष को बिना स्नान किए न छूएं. स्नान करने के बाद ही शुद्ध होकर इसे धारण करें. 

6.  रुद्राक्ष को हमेशा लाल या फिर पीले रंग के धागे में पहनना शुभ माना जाता है. इसे कभी भी काले रंग के धागे में नहीं पहनना चाहिए. ऐसा करने से आपके जीवन पर अशुभ प्रभाव पड़ सकता है. 

7. अपना पहना हुआ रुद्राक्ष किसी दूसरे को पहनने के लिए बिल्कुल न दें. इस बात का ध्यान रखें कि रुद्राक्ष को हमेशा विषम संख्या में ही पहनें. लेकिन कभी भी 27 मनकों से कम नहीं होनी चाहिए. 

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप visit करें newsnationtv.com/religion

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।) 

ये भी पढ़ें -

Margashirsha Month 2023: आज से शुरु हुआ मार्गशीर्ष माह, जानें दिसंबर महीने में आने वाले खास व्रत-त्योहार और ग्रह गोचर

Shri Krishna Aur Devi Yamuna: श्रीकृष्ण को समर्पित मार्गशीर्ष माह में क्या है यमुना नदी में स्नान का महत्व