Shiv Puja: भगवान शिव की पूजा कैसे करते हैं, जानें सही तरीका और इससे जुड़े कई सवालों के जवाब
Shiv Puja: भगवान शिव की पूजा करने का सही तरकी क्या है ये बहुत कम लोग जानते हैं. शास्त्रों में शिवजी की पूजा के नियम के बारे में क्या बताया गया है आइए जानते हैं.
नई दिल्ली:
Shiv Puja: कालों के काल महाकाल कहे जाने वाले भगवान शिव के भक्तों की इस संसार में कमी नहीं है. अगर आप उनकी पूजा करते हैं तो आपको कभी कोई कष्ट नहीं होता. बाबा की कृपा से उनके सब भक्त सुखी जीवन व्यतीत करते हैं. अगर आप भी उनके भक्त हैं और उनकी सुबह शाम पूजा करते हैं तो आपको उनकी पूजा का सही तरीका बता रहे हैं. कई बार हम सिर्फ श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं और शास्त्रों में बताए गए पूजा के नियमों के बारे में नहीं जानते. अगर आप इन नियमों के अनुसार भगवान शिव की पूजा करते हैं तो आपको उस पूजा का फल जल्द मिलता है. आइए जानते हैं कि कैसे करते हैं शिव जी की पूजा और भगवान शिव से जुड़े ऐसे कौन से सवाल है जिनके बारे में लोग सबसे ज्यादा जानना चाहते हैं.
पूजा का आरंभ
पूजा का आरंभ करते समय, अपने मन को शांत करें और अपनी भावनाओं को साकार करें. भगवान शिव की मूर्ति के सामने खड़े होकर, उनकी कृपा का आग्रह करें.
महामृत्युंजय मंत्र का जाप
अपने हृदय से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें, जिससे आपका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य मजबूत हो. मंत्र की मधुर ध्वनि में अपनी आत्मा को गूंथें.
धूप और दीप से सजाएं
भगवान शिव को को प्रसन्न करने के लिए धूप और दीप जलाएं. इन सुगंधित धुपों की खूशबू पर अपना ध्यान केंद्रित करें दीपों की रोशनी में आत्मा को प्रकाशित करें.
बेल पत्र और गंगाजल से समर्पण
भगवान शिव को बेल पत्र बहुत प्रिय है. इसे उनके चरणों में समर्पित करते हुए, आप उनकी कृपा को प्राप्त कर सकते हैं. गंगाजल से शिव पूजा को पूर्ण करें.
भगवान शिव की पूजा में जब हम भावनाओं से भरे होते हैं, तो यह एक साकार संवाद की भावना से भी कहा जा सकता है. हम उनसे अपनी दुखों, सुखों, और आत्मा की गहरी बातें करते हैं, जैसे कि हम अपने प्रियजनों से करते थे. भगवान शिव हमारे साथ हैं, हमें यह महसूस होने लगता है.
पूजा कितनी बार करनी चाहिए?
शिव पूजा को सात दिन तक करना अच्छा होता है, लेकिन स्थिति के हिसाब से आप उसे आपसी तालमेल के साथ किसी भी समय कर सकते हैं।
महामृत्युंजय मंत्र कितनी बार जाप करना चाहिए?
इस मंत्र का नियमित रूप से 108 बार जाप करना अच्छा है. यह आपको शारीरिक और मानसिक शांति प्रदान करता है.
पूजा के लिए सही समय क्या है?
सुबह और शाम का समय शिव पूजा के लिए अच्छा होता है, लेकिन आप अपनी आध्यात्मिक रुचियों के हिसाब से किसी भी समय पूजा कर सकते हैं.
धूप और दीप क्यों महत्वपूर्ण हैं?
धूप और दीप का समर्पण करना भगवान की प्रासादी प्रासादी भावना को बढ़ावा देता है और पूजा का माहौल शुद्धि से भर देता है.
बेल पत्र का क्या महत्व है?
बेल पत्र भगवान शिव के लिए प्रिय हैं और इसका समर्पण करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है.
क्या किसी भी व्यक्ति को शिव पूजा करने की अनुमति है?
हां, शिव पूजा का अधिकांश तरीका सार्वजनिक है और किसी भी व्यक्ति को इसमें भाग लेने की अनुमति है.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप visit करें newsnationtv.com/religion
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Nitesh Tiwari Ramayana: राम अवतार में नजर आए रणबीर कपूर, सीता मां बनीं सई पल्लवी, फिल्म के सेट से लीक हुईं तस्वीरें
-
Yodha OTT Release: सिनेमाघरों के बाद अब OTT पर रिलीज होगी योद्धा, सिद्धार्थ मल्होत्रा के फैंस हुए एक्साइटेड
-
'हेड ऑफ स्टेट' के सेट पर 'चीफ ट्रबलमेकर' बनीं प्रियंका की लाड़ली,शेयर किया मालती का आईडी कार्ड
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी