गोरखपुरः नवरात्रि के दूसरे दिन मां महाकाली के दरबार में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मां को यहां पूजता है , मां काली उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। मंदिर से जुड़े लोगों की मान्यता है कि यहां स्थापित मां काली की पिंडी काफी प्राचीन है और यह धरती चीर कर बाहर निकली थी
नई दिल्ली:
navratri 2022: आज शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन है और हर तरफ मां ब्रह्मचारणी की पूजा आराधना की जा रही है। गोरखपुर के गोलघर में स्थित मां महाकाली के दरबार में भी श्रद्धालुओं की लंबी कतारें सुबह से ही देखने को मिल रही हैं। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मां को यहां पूजता है, मां काली उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। मंदिर से जुड़े लोगों की मान्यता है कि यहां स्थापित मां काली की पिंडी काफी प्राचीन है और यह धरती चीर कर बाहर निकली थी। हर दिन सुबह मंदिर के पट खुलते ही मां के दर्शन को भक्तों की लंबी कतार लग जाती है। वहीं अगर शारदीय नवरात्र की बात करें तो मंदिर के आसपास मेले जैसा माहौल रहता है।
पूजन सामग्री और प्रसाद की दर्जनों दुकानें यहां सुबह से लेकर रात तक सजी रहती हैं। यहां पर श्रद्धालु गोरखपुर के अलावा नेपाल और बिहार से भी आते हैं और मां के दर्शन कर विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं। सैकड़ो वर्ष पहले गोलघर का यह पूरा क्षेत्र जंगल था, उसी जंगल में एक स्थान पर मां की पिंडी धरती चीर कर बाहर निकली। जब धरती से मां की पिंडी निकलने की बात आस पास के लोगों में फैली तो यहां भीड़ जुटनी शुरू हो गई और उसका पूजन-अर्चन शुरू हो गया। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि वह कई पीढ़ियों से मां के दरबार में अपनी हाजिरी लगा रहे हैं और आज मां काली के इसी दरबार का प्रताप है कि उनके घर सुख-समृद्धि बनी हुई है। उनके ऊपर जब भी कोई कष्ट आता है तो मां के इस मंदिर में आने के बाद वह स्वयं दूर हो जाता है।
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