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Diwali Special: क्यों मनाते हैं दिवाली ? दिवाली इतिहास से लेकर लक्ष्मी पूजा तक जानें सब यहां

Deepawali History In Hindi: दीपावली के लिए हिंदू धर्म में कई कथाएं प्रचलित हैं. महाभारत में भी दीपावली को लेकर एक कहानी मिलती है.

Updated on: 11 Nov 2023, 10:37 PM

नई दिल्ली:

Diwali Special: नवंबर में दीपावली की त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार 11-12 नवंबर को दिवाली है और पूरे देश में धूम-धड़ाके के साथ सभी दिवाली सेलिब्रेट करेंगे. रोशनी के इस त्योहार से घर-परिवार जग-मग हो उठता है. ये त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है. जो बुरे वक्त को पछाड़कर अच्छे वक्त की आहट देता है. हालांकि, दिवाली का एक अपना इतिहास है. धार्मिक तौर पर देखें तो दिवाली भगवान श्रीराम के 14 वर्ष वनवास के बाद वापस अयोध्या लौटने की खुशी में मनाई जाती है. हम आपको इस पवित्र त्योहार से जुड़ी दिलचस्प जानकारी बता रहे हैं.   

भगवान राम की दीपावली 

दीपावली हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन मनाई जाती है. इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा होती है. घर पर लोग दीप जलाते हैं. दिवाली को धन-धान्य और सौभाग्य की दृष्टि से लाभकारी त्योहार माना जाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या को भगवान श्री राम 14 वर्षों के बाद वनवास पूरा करके अपनी जन्मभूमि अयोध्या नगरी लौट आए थे. उनके साथ माता सीता और लक्ष्मण भी थे. रावणवध के बाद अयोध्या लौटे भगवान राम के आगमन की खुशी में अयोध्या वासियों ने दीपोत्सव का आयोजन किया था. इस तरह भगवान श्रीराम का स्वागत हुआ था. तब से हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली का मनाई जाती है. इस त्योहार को अंधकार पर प्रकाश की विजय के तौर पर देखा जाता है. 

महाभारत की दीपावली

दीपावली के लिए हिंदू धर्म में कई कथाएं प्रचलित हैं. महाभारत में भी दीपावली को लेकर एक कहानी मिलती है. इसमें कहा गया है कि पांडव 13 वर्षों का वनवास पूरा कर कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को अपने घर लौटे थे. कौरवों ने पांडवों को शतरंज में हराकर 13 वर्षों का वनवास दिया था. इसके बाद जब पांडव अपने घर लौटे तो उनके आगमन पर नगरवासियों ने दीपोत्सव मनाया था. 

दिवाली पर क्यों होती है माता लक्ष्मी की पूजा? 

दीपावली पर माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की पूजा होती है. इसके पीछे भी पौराणिक कारण बताए जाते हैं. शास्त्रों में बताया जाता है कि समुद्र मंथन से 14 रत्नों की उत्पत्ति हुई थी जिनमें से एक माता लक्ष्मी भी थीं. ऐसी मान्यता है कि माता लक्ष्मी का जन्म कार्तिक मास की अमावस्या को हुआ था. इसलिए दिवाली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दीपावली पर पूरे भक्ति-भाव से देवी लक्ष्मी की पूजा करने से भक्तों को सुख-समृद्धि और धन प्राप्ति होती है.