logo-image

Braj Holi 2022: लट्ठमार होली से भी ज्यादा हैरतंगेज है बरसाने की ये अनोखी होली, जानें इसके पीछे का रहस्य

Braj Holi 2022: ब्रज के पूरे होली उत्‍सव को देखें तो बरसाने की लठ्ठमार होली काफी प्रसिद्ध है लेकिन बरसाने की एक और होली है जो इससे भी ज्‍यादा खास और अनोखी है. तो चलिए आज आपको बरसाने की उस दिव्य होली और उससे जुड़ी रोचक कथा के बारे में बताते हैं.

Updated on: 26 Feb 2022, 12:30 PM

नई दिल्ली :

होली का त्यौहार बस आने को ही है. ऐसे में होली की बात हो और बृज का जिक्र न हो ये तो मुमकिन ही नहीं. क्योंकि एक तरफ दुनिया भर की होली और एक तरफ बृज धाम की होली. होली का जो असीम आनंद बृज में आता है वो और कहीं नहीं मिल सकता. फाग के गीतों से लेकर होली के रंगों तक समस्त बृज मंडल की छटा देखने लायक होती है. ब्रज में होली (Braj Holi) का त्‍यौहार सबसे ज्‍यादा उत्‍साह, उमंग और जोर-शोर से मनाया जाता है. मथुरा-वृंदावन, गोवर्धन, बरसाना, नंदगांव और गोकुल सहित ऐसे कई गांव हैं जहां अलग-अलग तरह से होली और हुरंगों का आयोजन होता है. वहीं, बरसाने की लठ्ठमार होली (Barsana Latthmar Holi) काफी प्रसिद्ध है लेकिन आपको बता दें कि बरसाने की एक और होली है जो इससे भी ज्‍यादा खास और अनोखी है. तो चलिए आज आपको बरसाने की उस दिव्य होली और उससे जुड़ी रोचक कथा के बारे में बताते हैं. 

यह भी पढ़ें: Braj Holi 2022: बरसाना की लट्ठमार होली में छिपा है वरदान, हर तरह की चोट को ठीक कर देता है बृज भूमि पर पड़ा गुलाल

दरअसल, हम बात कर रहे हैं बरसाना की लड्डू होली (Barsana Laddu Holi) की जो इस साल यानी कि 10 march 2022 को है. होली के आसपास ही पूरे ब्रज में रंग और गुलाल उड़ना शुरू हो जाता है लेकिन बरसाना ही एक ऐसा गांव है जहां लड्डू होली (Laddumar Holi) होती है. यह मुख्‍य रूप से होली का आमंत्रण होता है. जैसे किसी भी आयोजन और त्‍यौहार की शुरूआत मीठे या मिठाई से होती है उसी तरह यहां भी होली का उत्‍सव लड्डू से आरंभ किया है यानी कि लड्डू होली खेलकर. लड्डू होली न केवल मीठे की परंपरा बल्कि होली खेलने की परंपरा को भी निभाने वाला आयोजन है. इस दिन सभी हुरियारे बरसाना (Barsana) में इकठ्ठे होकर फाग के गीत गाते हैं और आपस में लड्डूमार खेलते हैं. लड्डुओं से होली खेलने के साथ ही ये पेट भरकर लड्डू खाते भी हैं. 

इस अवसर पर लोग विशेष रूप से लड्डू बनवाकर बरसाना ले जाते हैं और वहां लुटाते भी हैं. इतना ही नहीं कुछ लोग बिना लुटाए प्रसाद के रूप में बूंदी या बेसन के लड्डू बांटते हैं. मुख्‍य रूप से देखा जाए तो सेवायत लड्डू भक्‍तों के लिए लुटाते हैं और भक्‍त इन्‍हें लूटकर खाते हैं. यह प्रतीकात्‍मक रूप से होली खेलने जैसा भी है. बरसाना के राधा रानी मंदिर में इस होली का आयोजन होता है जिसकी भव्यता व्यक्ति की आत्मा तक को कन्हैया और बृज की महारानी श्री राधे के भक्ति भाव में डुबा देती है. ड्डू होली के लिए मंदिर परिसर में दो दिन पहले से ही लड्डू बनना शुरू हो जाते हैं. इसके अलावा जिस भक्‍त की जैसी श्रद्धा होती है वह लड्डू बनवाकर भी ले आता है और बांटता या लुटाता है. कुछ लोग मंदिर के बाहर भी लड्डू बनवाते हैं. यहां कोई तय मात्रा या संख्‍या नहीं होती लेकिन ऐसा अनुमान है कि हजारों की संख्‍या में उस दिन यहां लड्डू लुटाया जाता है. 

बता दें कि, लड्डू होली के एक दिन बाद यहां लठ्ठमार होली होती है. इस बार बरसाने की लट्ठमार होली 11 मार्च 2022 को पड़ रही है.