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Ashadha Purnima 2023: जानें कब है आषाढ़ पूर्णिमा, इस दिन जरूर करें ये कारगर उपाय

Ashadha Purnima 2023: इस साल दिनांक 03 जुलाई दिन सोमवार को आषाढ़ पूर्णिमा है. इस दिन व्रत रखकर चंद्रमा की पूजा करने का विशेष विधि-विधान है. वहीं इस बार आषाढ़ पूर्णिमा पर ब्रह्म योग और इंद्र योग बन रहे हैं.

Updated on: 28 Jun 2023, 09:41 AM

नई दिल्ली :

Ashadha Purnima 2023: इस साल दिनांक 03 जुलाई दिन सोमवार को आषाढ़ पूर्णिमा है. इस दिन व्रत रखकर चंद्रमा की पूजा करने का विशेष विधि-विधान है. वहीं इस बार आषाढ़ पूर्णिमा पर ब्रह्म योग और इंद्र योग बन रहे हैं. इस दिन कुछ ज्योतिष उपायों को करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त की जा सकती है. इस दिन रात्रि में चंद्रदेव को अर्घ्य देने से चंद्र दोष से मुक्ति मिल जाती है. तो ऐसे में आइए आज  हम आपको अपने इस लेख में आषाढ़ पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त और ज्योतिष उपायों के बारे में विस्तार से बताएंगे. 

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आषाढ़ पूर्णिमा की शुभ 
आषाढ़ पूर्णिमा की शुभ तिथि दिनांक 2 जुलाई रात 08 बजकर 21 मिनट से लेकर दिनांक 3 जुलाई, शाम 05 बजकर 08 मिनट तक रहेगा. 
इस दिन अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: सुबह 05 बजकर 27 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 12 मिनट तक रहेगा.
इस दिन शुभ-उत्तम मुहूर्त सुबह 08 बजकर 56 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक रहेगा. 
लाभ-उन्नति मुहूर्त दोपहर 03 बजकर 54 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 39 मिनट तक रहेगा. 
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त शाम 05 बजकर 39 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. 
लाभ-उन्नति मुहूर्त: रात 11 बजकर 10 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 25 मिनट तक. 

आषाढ़ पूर्णिमा के दिन करें ये ज्योतिष उपाय 

1. आषाढ़ पूर्णिमा की शाम को मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें. मां लक्ष्मी को मखाना, दूध और केसर से बनाई गई खीर का भोग लगाएं. माता लक्ष्मी को खीर बहुत ही प्रिय है. इससे मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न होती हैं और घर की सुख-शांति बनी रहती है. 

2. अगर आप बिजनेस में तरक्की पाना चाहते हैं, तो आषाढ़ पूर्णिमा को कार्यालय में पूजा स्थान पर मां लक्ष्मी की मूर्ति के साथ गोमती चक्र स्थापित करें. उसके बाद कनकधारा स्‍तोत्र या फिर श्रीसूक्त का पाठ करें. पूजा समाप्त होने के बाद उन गोमती चक्र को तिजोरी में रख दें. इससे आपके बिजनेस में उन्नति होगी.

3. कुंडली में चंद्र दोष से मुक्ति के लिए चांदी के पात्र में गाय का दूध, सफेद फूल, अक्षत डालकर चंद्रदेव को अर्घ्य दें, साथ ही बीज मंत्र का जाप करें. 
ॐ सों सोमाय नम: 

4. मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पूजा के समय 11 पीली कौड़ियां चढ़ाएं. उसके बाद जब पूजा हो जाए, तो उसे अपने घर की तिजोरी में रख दें.  शाम को मुख्य द्वार पर मां लक्ष्मी के लिए दीपक जलाएं.