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इस शहर के ऊपर दिखाई देती है रहस्यमयी रोशनी, 135 सालों से चल रहा है सिलसिला

दुनिया के हर देश में कोई न कोई ऐसा रहस्य जरूर मौजूद है जिससे बारे में तमाम खोज की गई, लेकिन उसके रहस्य से पर्दा नहीं हट सका. आज हम आपको अमेरिका के एक ऐसे ही रहस्य से रूबरू करना जा रहे हैं जो पिछले 135 साल से रहस्य बना हुआ है.

Updated on: 22 Jun 2023, 01:09 PM

New Delhi:

Marfa Lights: अगर किसी ने रेगिस्तान की यात्रा की है तो उसने मृगतृष्णा को जरूर देखा होगा. जो बेहद ही भ्रामक होती है. जिसे सिर्फ नजरों का भ्रम माना जाता है. लेकिन इसकी निश्चितता के बारे में भी कोई नहीं बता सकता. ऐसा ही कुछ अमेरिका के टेक्सास में मार्फा नाम के एक शुष्क इलाकों में देखने को मिलेगा. जहां आपको रेगिस्तान में बहुत दूर तैरती हुई रोशनी की एक श्रृंखला देखने को मिलेगी. जिसे लोग मार्फ़ा लाइट्स के नाम से जानते हैं.

जानिए क्या है मार्फा लाइट

बता दें कि मार्फा अमेरिकी राज्य टेक्सास का एक छोटा सा शहर है. इसके ऊपर एक अजीबो गरीब रोशनी नजर आती है. यहां ये घटना पिछले 135 साल से हो रही है. रात के आकाश में पीले, नीले, सफेद और लाल रंगों में की एक रहस्यमय चमकदार रोशनी को देखकर हर कोई हैरान रह जाता है. कई बार ये नाचते हुए गोले नीले रंग के दिखाई देते हैं और आखिर में ये रोशनी अलग-अलग हो जाती है और अंतरिक्ष में कहीं गायब हो जाती है. इस रोशनी को पूरे शहर में देखा जा सकता है. यह दक्षिण-पूर्वी हिस्से जिसे 'पैसानो पास' के नाम से जाना जाता है में अधिक दिखाई देती है. क्योंकि मार्फा शहर यहां आकर समाप्त हो जाता है. उसके बाद रेगिस्तान शुरु हो जाता है. जिसे चिहुआहुआन रेगिस्तान के नाम से जाना जाता है.

पहली बार 1883 दिखाई दी थी ये रहस्यमयी रोशनी

ये रोशनी क्या है इसके बारे में आज तक कोई नहीं जान पाया. इसीलिए इस रहस्य को संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे रहस्यमयी चीजों में से एक माना जाता है. इसीलिए लोग इसे मार्फ़ा घोस्ट लाइट्स यानी मार्की की भूतिया रोशनी के नाम से भी जानते हैं. बताया जाता है कि मार्फ़ा लाइट्स का सबसे पहला लिखित रिकॉर्ड 1945 में का है. हालांकि, स्थानीय लोग और पर्यटक 19वीं सदी के अंत से इसके देखने के बारे में बताते हैं. जिसे पहली बार 1883 में रॉबर्ट रीड एलिसन नाम के एक चहवाहे ने देखा था.

आज भी अनसुलझा है इसका रहस्य

मार्फा की रोशनी कब दिखाई देती है इसके बारे में भी कोई समय निश्चित नहीं है. लेकिन इसे साल में कम से कम 30 बार जरूर देखा जा सकता है. जिसे सूरज उगने से पहले, या सूरज डूबने के बाद देखा जा सकता है. तमाम विशेषज्ञों ने इस रहस्यमयी रोशनी के पीछे के कारणों का पता लगाने की कोशिश की लेकिन उन्हें कोई कामयाबी नहीं मिली. वहीं स्थानीय लोगों इस रोशनी को अलौकिक मानते हैं. कुछ लोगों का कहना है कि ये अलौकिक रोशनी कम उड़ान वाले यूएफओ से पैदा होती है. यह लगभग वैसा ही नजर आती है जैसे कोई एलियन धरती के लोगों से संवाद करने की कोशिश कर रहा हो.  हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि ये रोशनी प्राकृतिक गैस और बिजली शामिल है. इस सिद्धांत के मुताबिक, ये रोशनी तब पैदा होती है जब गैस के बुलबुले आग पकड़ते हैं, जैसे मीथेन और फॉस्फीन ऑक्सीजन के संपर्क में आने पर आग जलने लगती है.

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