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खेत में खोज रहा था कुछ और जब मिला एक घड़ा, खोल कर देखा तो खुल गई किस्मत

किसान मीकल लोटिस द्वारा पाया गया प्राचीन खजाना 17वीं शताब्दी के लिथुआनियाई मुकुट और सिक्कों से बना है.

Updated on: 09 Mar 2023, 08:00 PM

highlights

  • वारसॉ से लगभग 200 किमी दूर पूर्वी पोलैंड के ज़ानिओका शहर में मिला खजाना
  • खेत में एक शख्स को चार सदी पुराने सिक्कों से भरा एक घड़ा मिला है
    प्राचीन खजाना 17वीं शताब्दी के लिथुआनियाई मुकुट और सिक्कों से बना है

वॉरसा:

पोलैंड के एक खेत में एक शख्स को चार सदी पुराने सिक्कों से भरा एक घड़ा मिला है. उसे यह ऐतिहासिक सौगात तब मिली जब वह मेटल डिटेक्टर से कृषि उपकरणों के पुर्जों को खोजने की कोशिश कर रहा था. यह घटना वारसॉ से लगभग 200 किलोमीटर दूर पूर्वी पोलैंड के ज़ानिओका शहर के ग्रामीण क्षेत्र में सामने आई है. इसकी औपचारिक घोषणा ल्यूबेल्स्की में स्मारकों के संरक्षण के लिए जिम्मेदार प्रांतीय कार्यालय के आधिकारिक नेटवर्क द्वारा की गई है. फरवरी के अंत में यह एक आकस्मिक खोज सामने आई थी और अगले दिन साइट पर आने वाले विशेषज्ञ ने अपने फेसबुक अकाउंट पर इसकी घोषणा की. इन प्राचीन सिक्कों की कीमत हजारों पाउंड्स में बताई जा रही है.

17वीं शताब्दी का है खजाना
किसान मीकल लोटिस द्वारा पाया गया प्राचीन खजाना 17वीं शताब्दी के लिथुआनियाई मुकुट और सिक्कों से बना है. इनकी कीमत का अनुमान कई हजार पाउंड्स लगाया गया है. ये सभी सिक्के एक सेरेमिक घड़े में मिले हैं, जिन्हें प्राचीन काल में शिवाक कहा जाता है. घड़े में मिली सभी सामग्री का कुल वजन लगभग तीन किलो है. हालांकि लंबे समय से घड़े में बंद रहने से इन्हें काफी नुकसान पहुंच चुका है. कुछ सिक्के गल गए हैं, तो कुछ चार सौ वर्षों के दौरान ऑक्सीकरण की प्रक्रिया के कारण आपस में चिपक गए हैं. इसकी वजह से सभी हरे रंग में तब्दील हो चुके हैं. घड़े के अंदर सिक्कों के अलावा कपड़े और मिट्टी के बर्तन के टुकड़े भी पाए गए हैं.

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सदियों पहले इसी इलाके में हुआ था एक धर्म युद्ध
संरक्षण कार्यालय के शोधकर्ताओं के मुताबिक जिस स्थान पर यह खजाना दफन किया गया था, वह ज़ानिओका शहर के शहरी क्षेत्र के किनारे पर एक पुराने पंथ की बस्ती से जुड़ा हुआ है. यह प्राचीन खोज फिलहाल दक्षिणी पोडलासी के संग्रहालय के पुरातत्व विभाग में रखी गई है. इस खोज के साथ ही कुछ नए ऐतिहासिक तथ्य भी सामने आए हैं. एक तरफ यह सिक्के लिथुआनिया के हैं.17 वीं शताब्दी में यह इलाका पोलैंड साम्राज्य और लिथुआनिया के ग्रैंड डची का इलाका हुआ करता था. ये दोनों ही आज दो अलग-अलग स्वतंत्र देश हैं, जिनकी सीमाएं जुड़ी हुई हैं. ऐतिहासिक दौर में यहीं पर एक बड़ा धर्म युद्ध भी हुआ था.