नर्मदा बचाओ आंदोलन: मेधा पाटकर को पुलिस ने जबरन उठाया, शिवराज बोले- 'गिरफ्तार नहीं, अस्पताल ले गए'
पिछले 12 दिनों से मध्य प्रदेश के धार जिले के चिकल्दा गांव में अनशन पर बैठी नर्मदा बचाओ आंदोलन की पैरोकार मेधा पाटकर को इंदौर के बांम्बे अस्पताल ले जाया गया है।
नई दिल्ली:
पिछले 12 दिनों से मध्य प्रदेश के धार जिले के चिकल्दा गांव में अनशन पर बैठी नर्मदा बचाओ आंदोलन की पैरोकार मेधा पाटकर को इंदौर के बांम्बे अस्पताल ले जाया गया है। उन्हें चार नबर आईसीयू में रखा है। मेधा को जहां रखा गया है वहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए हैं। मेधा सहित 12 लोग 12 दिन से अन्न-जल छोड़ चुके थे। उनकी तीबयत काफी बिगड़ चुकी थी।
इस बीच पुलिस पर मेधा पाटकर को जबरन उठाने के लग रहे आरोपों पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सफाई देते हुए कहा है कि उन्हें गिरफ्तार नहीं बल्कि डॉक्टरों की सलाह पर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शिवराज के मुताबिक, 'मेधा जी और उनके साथियों की स्थिति हाई कीटोन और शुगर के कारण चिंताजनक थी। इनके स्वास्थ्य और दीर्घ जीवन के लिए हम प्रयासरत हैं।'
.@medhanarmada जी और उनके साथियों की स्थिति हाई कीटोन और शुगर के कारण चिंतनीय थी। इनके स्वास्थ्य और दीर्घ जीवन के लिए हम प्रयासरत हैं।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 7, 2017
मैं संवेदनशील व्यक्ति हूँ। चिकित्सकों की सलाह पर @medhanarmada जी व उनके साथियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, गिरफ्तार नहीं किया गया है।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 7, 2017
उन्होंने आगे लिखा, ' मैं प्रदेश का प्रथम सेवक हूँ और मैं सरदार सरोवर बाँध के विस्थापित अपने प्रत्येक भाई-बहन के समुचित पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध हूँ।'
मैं प्रदेश का प्रथम सेवक हूँ और मैं सरदार सरोवर बाँध के विस्थापित अपने प्रत्येक भाई-बहन के समुचित पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध हूँ।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 7, 2017
राज्य सरकार ने विस्थापितों के लिए 900 करोड़ रुपये की घोषणा की है।
State Govt gave additional package of 900 crore to those displaced by the dam,every effort will be made to ensure better facilities:MP CM
— ANI (@ANI_news) August 7, 2017
हालांकि, इस बांध के विस्थापितों के लिए संघर्ष कर रही हिम्शी सिंह ने बताया, 'घटनास्थल पर कुल 12 लोग अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे थे। पुलिस मेधा सहित उपवास पर बैठे छह लोगों को धरना स्थल से बलपूर्वक उठा कर ले गई। इनमें पांच महिलाएं एवं एक पुरूष है।'
मेधा अपने 11 साथियों के साथ 27 जुलाई से अनिश्चितकालीन उपवास पर थीं। उनका यह उपवास धार जिले के चिखिल्दा में चल रहा था। यह वहीं गांव है, जहां एशिया का पहला किसान हुआ था। मेधा की मांग है कि सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले 192 गांवों के निवासियों का पहले पूर्ण पुनर्वास हो, उसके बाद ही उन्हें विस्थापित किया जाए।
राज्य सरकार के लिए जून में हुआ किसान आंदोलन में पहले ही किरकिरी हो चुकी है ऐसे में अब यह आंदोलन भी सरकार के लिए सिर दर्द साबित हो रही है।
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