logo-image
लोकसभा चुनाव

World Hijab Day 2024: क्या है हिजाब? दुनियाभर में इसे लेकर क्यों और कब-कब हुआ बड़ा विवाद, जानें

हिजाब एक धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथा है जो मुस्लिम महिलाओं द्वारा अपने शरीर को ढकने के लिए उपयोग की जाती है. यह एक पर्दा है जो महिलाओं को उनके शरीर को दूसरों से छिपाने में मदद करता है और उन्हें समाज में आत्मसम्मान का एहसास कराता है.

Updated on: 01 Feb 2024, 08:56 AM

नई दिल्ली :

हिजाब एक धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथा है जो मुस्लिम महिलाओं द्वारा अपने शरीर को ढकने के लिए उपयोग की जाती है. यह एक पर्दा है जो महिलाओं को उनके शरीर को दूसरों से छिपाने में मदद करता है और उन्हें समाज में आत्मसम्मान का एहसास कराता है. हिजाब की विभिन्न रूप और शैलियों में कुछ व्यापकता हो सकती है, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य हमेशा एक ही रहता है-महिलाओं को उनकी आबादी को संरक्षित रखने के लिए शरीर को ढकने का सम्मान करना.

हिजाब का प्रयोग बहुत से मुस्लिम समाजों में आम है, लेकिन कुछ समाजों में यह प्रथा अलग-अलग रूपों में मान्य होती है. कुछ महिलाएं अपने परिवार और समुदाय की श्रेय में हिजाब पहनती हैं, जबकि कुछ इसे अपने धार्मिक और स्थानिक परंपराओं के अनुसार करती हैं. हिजाब एक महिला के धार्मिक और सामाजिक पहचान का हिस्सा बन गया है, और इसे बच्चों को सिखाने का एक महत्वपूर्ण तरीका माना जाता है. यह एक व्यक्तिगत और धार्मिक चयन होता है, जो महिलाओं के स्वतंत्रता के अधिकार का हिस्सा है.

हिजाब को लेकर दुनिया में कब-कब हुए बड़े विवाद 

हिजाब को लेकर दुनिया में कई बार बड़े विवाद हुए हैं. इस परंपरा के बारे में कई दूसरे समाज और समुदायों के बीच मतभेद और वाद-विवाद होते रहे हैं. यहां कुछ प्रमुख घटनाएं हैं जब हिजाब को लेकर विवाद उठा है:

1979, ईरान: 1979 में ईरान में ईस्लामिक राजनीति के तहत अयातुल्लाह खोमेनी के नेतृत्व में हिजाब के प्रति प्रतिबद्धता को बढ़ावा दिया गया था, जिसके कारण महिलाओं को हिजाब पहनने के लिए कड़ा आदेश जारी किया गया. इससे बड़ा आंदोलन उठा और इसे 'हिजाब आंदोलन' कहा गया.

1989, उज्बेकिस्तान: 1989 में उज्बेकिस्तान में सोवियत संघ के पतन के बाद, महिलाओं को हिजाब पहनने के नियमों को लेकर विवाद उठा. इससे पहले, सोवियत समय के दौरान यहाँ के महिलाओं को हिजाब पहनना विवादित था.

2019, फ्रांस: 2019 में फ्रांस में एक महिला, जिन्हें हिजाब पहनने की अनुमति नहीं थी, ने स्कूल में प्रवेश के लिए याचिका दाखिल की थी. इस मामले में एक सार्वजनिक बहस हुई और हिजाब को लेकर फ्रांस में नए नियम और विवाद पैदा हुए.

इन घटनाओं और अन्य कई मामलों में, हिजाब को लेकर बड़े बवाल हुए हैं और यह एक विवादास्पद और चरम विषय बना हुआ है.