logo-image

सेना में महिलाओं को भी मिलेगा स्थाई कमीशन, सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

अब सेना में महिलाओं को स्थाई कमीशन का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक अहम मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को आदेश दिया कि वह सेना में महिलाओं को भी स्थाई कमीशन दे.

Updated on: 17 Feb 2020, 11:12 AM

नई दिल्ली:

अब सेना में महिलाओं को स्थाई कमीशन का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक अहम मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को आदेश दिया कि वह सेना में महिलाओं को भी स्थाई कमीशन दे. सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को सेना में अलग-अलग विभागों में कमांडिंग पद दिए जाने पर फैसला सुनाया है. 2010 में दिल्ली हाई कोर्ट ने शार्ट सर्विस कमीशन के तहत आने वाली महिलाओं को 14 साल पूरे करने पर पुरुषों की तरह स्थायी कमीशन देने का आदेश दिया था. इसके खिलाफ रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी. कोर्ट ने तीन महीने में आदेश पर अमल करने को कहा. कोर्ट ने साफ किया कि महिला सैन्य अधिकारियों को कमांडिंग पोस्ट ( नेतृत्व करने वाली) पोस्ट भी मिलेगी.

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर अमल न करने का कोई औचित्य नहीं बनता है. सेना को महिलाओं को लेकर अपनी मानसिकता में बदलाव की ज़रूरत है. महिलाओं को बराबर अधिकार देने की ज़रूरत है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं की शारीरिक स्थिति, परिवारिक जिम्मेदारियों का हवाला देकर उनको स्थायी कमीशन से वंचित रखने की दलील को खारिज किया. कोर्ट ने कहा कि 30 प्रतिशत महिलाएं कॉम्बैट एरिया में तैनात हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने सेना की खिंचाई करते हुए कहा कि स्थायी कमीशन देने के लिए सेना को लैंगिक भेदभाव को खत्म करने के लिए मानसिकता में बदलाव की ज़रूरत है. कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कैप्टन तान्या शेरगिल, कैप्टन मधुमिता और अन्य महिला सैन्य अधिकारियों का हवाला दिया. कोर्ट ने कहा कि महिला अधिकारी भी स्थायी कमीशन की अधिकारी हैं. कोर्ट ने कहा कि हम साफ कर रहे हैं कि सभी महिलाएं स्थायी कमीशन की अधिकारी होंगी.