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लोकसभा चुनाव

Rahul Gandhi: संसद में कब होगी राहुल गांधी की वापसी? इन नेताओं की सदस्यता भी हो चुकी है बहाल

Rahul Gandhi Re-enter in Parliament: मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से तो राहत मिल गई, लेकिन उनकी संसद सदस्यता अभी तक बहाल नहीं की गई. कांग्रेस राहुल की सदस्यता बहाली में देरी को लेकर सवाल उठा रही है.

Updated on: 07 Aug 2023, 09:47 AM

highlights

  • कब बहाल होगी राहुल गांधी की संसद सदस्यता?
  • कांग्रेस ने जल्द सदस्यता बहाल करने की मांग की
  • पहले भी इन सदस्यों की सदस्यता हो चुकी है बहाल

 

New Delhi:

Rahul Gandhi Re-enter in Parliament: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट से तो राहत मिल गई है, लेकिन उनकी संसद की सदस्यता अभी तक बहाल नहीं हुई है. कांग्रेस पार्टी अब राहुल की सदस्यता बहाली में देरी को लेकर सवाल उठा रही है. पार्टी नेता जयराम रमेश ने शनिवार को ट्वीट किया कि 23 मार्च को जब सूरत की कोर्ट ने इस मामले में राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी, तो लोकसभा सचिवालय ने 26 घंटे के अंदर ही उनकी सदस्यता समाप्त करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया था. लेकिन अब 26 घंटे से भी ज्यादा का समय हो गया है लेकिन राहुल गांधी की संसद सदस्यता अब तक बहाल क्यों नहीं की गई?

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मॉनसून सत्र का आखिरी सप्ताह आज से शुरू

आपको बता दें कि ये संसद के मॉनसून सत्र का आखिरी सप्ताह है. इससे ठीक पहले राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. तो ऐसे में कांग्रेस पार्टी चाहती है कि राहुल गांधी की संसद में वापसी जल्द से जल्द हो. पार्टी का मानना है कि राहुल गांधी सोमवार 7 अगस्त को संसद में नजर आएं और साथ ही मंगलवार 8 अगस्त से शुरू हो रहे अविश्वास प्रस्ताव का हिस्सा बने, लेकिन राहुल गांधी की संसद सदस्यता को अभी तक बहाल नहीं किया गया है. जिसे लेकर कांग्रेस पार्टी के नेता लगातार हमलावर हैं.

जल्द सदस्यता बहाली की मांग कर रही कांग्रेस

लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन का कहना है कि उन्होंने शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष से राहुल की सदस्यता को लेकर बात की थी, जिसके बाद स्पीकर ने उन्हें शनिवार का टाइम दिया था. फिर हमने शनिवार को स्पीकर को फोन किया, तो उन्होंने सेक्रेटरी जनरल से बातकर डॉक्यूमेंट जमा करने के लिए कहा. इस पर जब सेक्रेटरी से बात हुई, तो उन्होंने कहा कि शनिवार को ऑफिस बंद है. उन्होंने डॉक्यूमेंट स्पीकर को देने के लिए कहा, जिसके बाद चिट्ठी पोस्ट कर दी गई. अधीर रंजन के मुताबिक, चिट्ठी पर साइन तो कर दिए गए हैं, लेकिन स्टैंप नहीं लगी है. ऐसे में कांग्रेस मांग कर रही है कि जिस रफ्तार से राहुल गांधी की सदस्यता छीनी गई थी, उसी रफ्तार से राहुल की सदस्यता वापस आनी चाहिए.

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चलिए अब आपको बताते हैं विधानसभा या संसद की सदस्यता जाने के अन्य मामलों में भी क्या कुछ हुआ था? कैसे सदस्यता गई थी और यदि किसी सदस्य को वापस मिली तो उसमें कितना समय लगा?

सांसद मोहम्मद फैजल : 2 महीने बाद बहाल हुई सदस्यता

लक्षद्वीप की कोर्ट  ने 11 जनवरी 2023 को हत्या की कोशिश के केस में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से सांसद मोहम्मद फैजल को 10 साल की सजा सुनाई थी. इस केस में भी लोकसभा सचिवालय ने तुरंत कार्यवाही करते हुए 2 दिन बाद ही सदस्यता रद्द करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया था. लेकिन 25 जनवरी 2023 को केरल हाई कोर्ट ने मोहम्मद फैजल को मिली 10 साल की सजा पर रोक लगा दी, जिसके बाद सांसदी बहाल होने का रास्ता साफ हो गया. लेकिन ये नोटिफिकेशन उतनी जल्दी नहीं आया जितनी जल्दी रद्द होने का आया था. ऐसा बताया जाता है कि कानून मंत्रालय की तरफ से लोकसभा में उनकी सदस्यता बहाल करने के लिए सिफारिश भी की गई थी, फिर भी दो महीने 29 मार्च 2023 को एक लंबे इंतजार के बाद फैजल की संसद सदस्यता बहाल हुई. 

MLA प्रदीप चौधरी : 1 महीने बाद बहाल हुई सदस्यता

28 जनवरी साल 2021 को हरियाणा की कालका विधानसभा सीट से कांग्रेस MLA प्रदीप चौधरी को हिमाचल के बद्दी की एक कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने साल 2011 में एक युवक की मौत के बाद बद्दी चौक पर जाम लगाने और सरकारी काम में रुकावट डालने के मामले में दोषी पाया था. कोर्ट के फैसले के दो दिन के अंदर (30 जनवरी 2021) ही उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई. इसके बाद 19 अप्रैल 2021 को हाईकोर्ट ने प्रदीप चौधरी की सजा पर रोक लगा दी. लेकिन कोर्ट के आदेश के करीब 1 महीने के बाद 20 मई 2021 को विधानसभा सचिवालय द्वारा उनकी सदस्यता बहाल की गई थी.

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इन दोनों ही मामलों को देखें तो विधायकों और सांसदों के दोषी साबित होने के बाद उनकी सदस्यता तो तत्काल प्रभाव से दो दिन के भीतर ही गई, लेकिन संसद या विधानसभा में सदस्यता की बहाली के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा था. ऐसे में राहुल गांधी की सदस्यता आने वाले सोमवार 7 अगस्त को बहाल हो जाएगी, ऐसी उम्मीद कम ही नजर आती है. अब कुछ ऐसे मामले बताते हैं जिनमें किसी सांसद या विधायक को दोषी करार दिए जाने के कितने दिनों बाद उनकी सदस्यता रद्द की गई. 

पूर्व CM जयललिता : सवा महीने में गई सदस्यता

तमिलनाडु की पूर्व सीएम और AIADMK की नेता जयललिता का नाम भी विधायकी जाने वाले नेताओं की फेहरिस्त में शामिल है. लेकिन कोर्ट के फैसले के काफी दिन बाद विधानसभा से उनकी सदयस्ता रद्द की गई. दरअसल जयललिता को भी आय से अधिक संपत्ति मामले में कोर्ट ने 27 सितंबर 2014 को 4 साल की सज़ा सुनाई थी. लेकिन तमिलनाडु विधानसभा के स्पीकर पी धनपाल ने जयललिता की सदस्यता रद्द करने की अधिसूचना  8 नवंबर 2014 को  जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि सजा सुनाए जाने की तारीख से ही उनकी सदस्यता रद्द मानी जाएगी.

MLA कुलदीप सिंह सेंगर :  2 महीने से ज्यादा समय में गई सदस्यता

यूपी की बांगरमऊ सीट से बीजेपी के विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 20 दिसंबर 2019 को रेप के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. लेकिन यूपी विधानसभा सचिवालय ने उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने में 2 महीने से भी ज्यादा का समय लगाया. यूपी विधानसभा से सेंगर की सदस्यता 25 फरवरी 2020 को रद्द हुई.

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MLA अनिल कुमार सहनी : 40 दिन बाद गई सदस्यता

इस फेहरिस्त में सबसे पहला नाम आता है आरजेडी विधायक अनिल कुमार सहनी का, 3 सितंबर, 2022 को राष्ट्रीय जनता दल के विधायक अनिल कुमार सहनी को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में धोखाधड़ी के एक मामले में दोषी ठहराया था. कोर्ट ने उन्हें 2012 में यात्रा किए बिना जाली हवाई टिकट का इस्तेमाल कर, यात्रा भत्ता हासिल करने का प्रयास करने का दोषी ठहराया था और सहनी को 3 साल की सजा सुनाई गई थी. दोषी ठहराए जाने के तकरीबन 40 दिन बाद, 14 अक्टूबर को बिहार विधानसभा ने उनकी सदस्यता समाप्त की और अधिसूचना जारी कर उन्हें दोषी ठहराने जाने और सजा शुरू होने की तारीख से अयोग्य घोषित किया था.

MLA विक्रम सैनी : 23 दिन बाद गई सदस्यता

इसी तरह का केस यूपी की खतौली से विधायक विक्रम सिंह सैनी का है. सैनी को स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने 11 अक्टूबर 2022 को 2 साल की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उन्हें साल 2013 में हुए मुजफ्फनगर दंगों के लिए दोषी ठहराया था. इसके बाद 4 नवंबर, 2022 को यूपी विधानसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता रद्द की थी. इस मामले को मुद्दा भी बनाया गया था कि सदस्यता रद्द करने में आखिर देरी क्यों हुई.

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MLA अनंत सिंह : 24 दिन बाद गई सदस्यता

बिहार में आरजेडी के पूर्व विधायक अनंत सिंह का नाम भी इस फेहरिस्त में शामिल है. अनंत सिंह को 21 जून 2022 को एमपी-एमएलए कोर्ट ने आर्म्स एक्ट के मामले में 10 साल की सजा सुनाई थी. 15 जुलाई 2022 को बिहार विधानसभा ने उनकी सदस्यता रद्द की. वे बिहार में मोकामा विधानसभा से चुनकर पहुंचे थे.

रिपोर्ट- नवीन कुमार