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राजस्थान में फिर जीका वायरस का खतरा? अमेरिका ने एडवाइजरी जारी कर अपने नागरिकों को दी ये सलाह

आगामी दिनों में पर्यटकों की संख्या पर बुरा असर पड़ना तय है.

Updated on: 23 Dec 2018, 11:03 AM

जयपुर:

पर्यटन के पीक सीजन में राजस्थान सरकार को बड़ा झटका लगा है. जीका वायरस को लेकर अमेरिका की एडवाइजरी के साथ ही राजस्थान के चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया है. एक ओर चिकित्सा विभाग का दावा है कि जीका वायरस पर कंट्रोल कर लिया गया है. तो वहीं अमेरिका ने अपने पर्यटकों को, विशेषकर गर्भवती महिलाओं को एडवाइजरी जारी कर चेतावनी दी है कि वे घूमने के लिए राजस्थान नही जाएं.

अमेरिका की एजवाइजरी के बाद चलते चिकित्सा विभाग हरकत में आ गया है. वहीं पर्यटन से जुड़े सभी सेक्टर काफी चिंतित हो गए हैं. दरअसल, यह सीजन राजस्थान में विदेशी टूरिस्ट का पीक सीजन रहता है. राज्य में जीका वायरस का असर खत्म हुए लगभग 2 महीने बीत चुके हैं. इसके बावजूद दुनिया में कई जगह के लोगों में जीका को लेकर भ्रम है जिसकी वजह से वे राजस्थान आने से कतरा रहे हैं.

सर्दियों की छुट्टी के साथ क्रिसमस और नए साल के बावजूद राज्य का स्वास्थ्य विभाग सोया हुआ है. राजस्थान स्वास्थ्य विभाग दुनिया को बता ही नहीं पा रहा कि प्रदेश में जीका का कोई खतरा नहीं है. ऐसे में आगामी दिनों में पर्यटकों की संख्या पर बुरा असर पड़ना तय है. हालांकि चिकित्सा विभाग का दावा है कि हालात काबू में हैं और वे लोगों को अवेयर कर रहे हैं.

गौरतलब है कि जीका वायरस लगभग 2 महीने सामने आया था. इसका ज्यादा असर जयपुर के शास्त्रीनगर सहित कुछ इलाकों में देखा गया था. फोगिंग, काउंसलिंग, साफ-सफाई और इलाज जैसे उपायों के बाद अब पिछले 2 माह में जीका संबंधी शिकायतें नहीं मिली हैं.

हाल ही अमरीकी (यूएस) संस्था सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने लेवल-2 अलर्ट जारी किया है. इसमें सलाह दी है कि गर्भवती महिलाएं जीका वायरस प्रभावित राजस्थान और अन्य राज्यों में न जाएं.

इस पर्यटन सीजन में राज्य में 30 लाख और जयपुर में 10 लाख से अधिक सैलानी आने की संभावना है. पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को तत्काल विश्व स्तर पर स्थिति साफ करनी चाहिए.

दुनिया के नक्शे में पर्यटन के लिहाज से राजस्थान बड़ा केन्द्र है. यहां रोजाना 20 से 30 हजार देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं. जयपुर और राजस्थान में खास पर्यटन सीजन सितंबर-अक्टूबर से फरवरी-मार्च का माना जाता है. जीका का असर खत्म होने के बावजूद दुनिया में डर फैला रहा तो पर्यटकों की आवक पर असर पड़ेगा.