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शौहर बोला- मैं सरकार के कानून को नहीं मानता और पत्नी को फोन पर दे दिया तीन तलाक

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में सरकार द्वारा कानून लाए जाने के बाद भी एक शख्स ने शरीयत का हवाला देते हुए अपनी बेगम को फोन पर तीन तलाक दे दिया.

Updated on: 03 Aug 2019, 06:03 AM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में सरकार द्वारा कानून लाए जाने के बाद भी एक शख्स ने शरीयत का हवाला देते हुए अपनी बेगम को फोन पर तीन तलाक दे दिया. पीडि़ता ने मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक व पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है. उसने शौहर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई किए जाने की गुजारिश की है.

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शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के पठान टोलिया (गूलरघाट) में रहने वाली शहजादी शुक्रवार को दीवानी न्यायालय आई. शहजादी ने बताया कि उसका निकाह 26 जुलाई 2015 को जफराबाद कस्बे के काजी अहमद नूर निवासी इश्तियाक के साथ हुआ था. दहेज में ससुरालवालों ने बाइक व एक लाख रुपये की मांग की. मायकेवालों ने असमर्थता जताई तो ससुराली उसे प्रताड़ित करने लगे.

पीड़िता ने बताया कि उसके शौहर इश्तियाक का मुंबई में जरी का कारोबार है. मांग पूरी न होने पर 22 दिसंबर 2016 को ससुरालवालों ने उसके जेवर व गहने छीन लेने के बाद पिटाई की और उसे घर से निकाल दिया. उसने भरण-पोषण व शौहर और ससुरालवालों के खिलाफ दहेज उत्पीडऩ का मुकदमा दायर किया है. दोनों मुकदमों में अदालत ने शौहर के खिलाफ वारंट जारी कर रखा है.

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शौहर अदालत के आदेश की अनदेखी करते हुए गुजारा भत्ता की अदायगी नहीं कर रहा है. शौहर ने अप्रैल 2019 को उसे तीन तलाक दिया और कहा कि उसे न रखेगा और न ही खर्च देगा. मुकदमा मीडिएशन सेंटर में सुलह के लिए भी लगा, लेकिन इश्तियाक गुजारा भत्ता देने को राजी नहीं हुआ. इस दौरान एक अगस्त की रात शौहर ने फोन करके कहा, मुकदमे वापस लो. मैं तुम्हें तीन तलाक दे चुका हूं, इसलिए तुम्हें नहीं रखूंगा और न ही गुजारा भत्ता दूंगा.

पीड़िता ने जब कहा कि सरकार ने तीन तलाक को कानूनी तौर पर प्रतिबंधित कर दिया है. तीन तलाक देने वालों को सजा मिलेगी तो इश्तियाक ने कहा कि मैं सरकार के कानून को नहीं मानता. शरीयत के हिसाब से चलूंगा. इसी के साथ ही उसने मोबाइल फोन पर ही उसे दोबारा तलाक...तलाक...तलाक बोलकर फोन काट दिया. पीड़िता पुलिस कार्यालय गई थी, लेकिन एसपी से उसकी मुलाकात नहीं हो सकी. शहजादी ने कहा, सरकार ने कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं को प्रताड़ना से बचाने का काम किया है, लेकिन प्रशासन उसका सख्ती से पालन करे तब बात बने.