तीन तलाक पर संसद में बिल पेश करेगी मोदी सरकार, विपक्षी दलों से सहयोग की अपील
मोदी सरकार तीन तलाक को अपराध घोषित कर इसके लिए कम-से-कम तीन साल की सजा देने संबंधी विधेयक आज संसद के निचले सदन लोकसभा में पेश करेगी।
highlights
- मोदी सरकार आज संसद में तीन तलाक बिल करेगी पेश
- सरकार ने विपक्षी दलों से की सहयोग की अपील, बीजेपी ने सांसदों को जारी किया व्हिप
- तीन तलाक बिल में है तीन साल सजा और जुर्माने का प्रावधान
नई दिल्ली:
मोदी सरकार तीन तलाक को अपराध घोषित कर इसके लिए कम-से-कम तीन साल की सजा देने संबंधी विधेयक आज संसद के निचले सदन लोकसभा में पेश करेगी।
इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने सांसदों को तीन पंक्ति का व्हिप जारी किया है, जिसमें उन्हें गुरुवार को तीन तलाक के संबंध में विधेयक पेश करने के समय संसद में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है।
विपक्षी दलों से सहयोग की अपील
केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने बुधवार को सभी विपक्षी पार्टियों से सदन में तीन तलाक विधेयक को पारित करने में सहयोग देने का आह्वान किया।
अनंत कुमार ने कहा, 'मैं सभी विपक्षी दलों से संसद में तीन तलाक विधेयक को सर्वसम्मति से पारित होने में मदद करने की अपील करता हूं।'
माकपा कर सकती है विरोध
तीन तलाक पर विधेयक पेश करने के दौरान मोदी सरकार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विरोध का सामना भी करना पड़ सकता है। माकपा पहले ही विधेयक पर विरोध जता चुकी है।
माकपा के नेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि मोदी सरकार की तरफ से तीन तलाक पर त्वरित अपराधी बनाने वाला अभियान अनुचित और राजनीतिक रूप से प्रेरित है।
विधेयक में क्या है प्रावधान?
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद मुस्लिम महिला (अधिकार और विवाह का संरक्षण) विधेयक पेश करेंगे, जिसमें विवाहित मुस्लिम महिलाओं को अधिकार की रक्षा और किसी भी व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी को शब्दों, इलेक्ट्रॉनिक माध्यम या अन्य किसी तरीके से तलाक देने पर पाबंदी लगाई जाएगी।
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विधेयक में तत्काल तीन तलाक को दंडात्मक श्रेणी में रखा गया है और इसे संवैधानिक नैतिकता और लैगिंक समानता के विरुद्ध बताया गया है। विधेयक में ऐसा करने वालो के लिए सजा और जुर्माने का प्रावधान है। सजा को बढ़ाकर तीन साल तक किया जा सकता है।
आपको बता दें कि तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त 2017 को असंवैधानिक करार दिया था।
पर्सलन लॉ बोर्ड का विरोध
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सलन लॉ बोर्ड ने तीन तलाक संबंधी संसद में पेश होने वाले चर्चित बिल को शरीअत और मुस्लिम महिलाओं के हितों के खिलाफ करार दिया है। बोर्ड के सदस्यों का कहना है कि सरकार जो बिल लेकर आई है, उसमें कई बड़ी खामियां हैं।
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