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Surgical Strike2 : कैसे हुई थी पायलट के नचिकेता की वापसी, पाकिस्‍तान से पायलट के लौटने की राह क्‍या आसान है?

पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान स्थित बालाकोट में आतंकी शिविरों पर Surgical strike2 की. इस दौरान पाकिस्तान ने Indian Airforce के विंग कमांडर अभिनंदन को पकड़ लिया है

Updated on: 28 Feb 2019, 09:52 AM

नई दिल्ली:

पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान स्थित बालाकोट में आतंकी शिविरों पर Surgical strike2 की. इस दौरान पाकिस्तान ने Indian Airforce के एक पायलट को पकड़ लिया है. हालांकि भारत ने पाकिस्तान से विंग कमांडर को सुरक्षित वापसी करने को कहा है. भारत ने नई में पाकिस्तान के उच्चायुक्त को तलब किया और अपना विरोध जताया है.

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14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आतंकी हमले का मंगलवार को भारत ने पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक (Surgical Strike2) कर बदला ले लिया. भारत की इस जवाबी कार्रवाई में करीब 350 आतंकी मारे गए. हमले की जानकारी सबसे पहले पाकिस्‍तान ने ही ट्वीटर के जरिए दी थी. हालांकि, पाकिस्‍तान बार-बार किसी जानमाल के नुकसान से इनकार करता रहा. इसके बाद पाकिस्तान ने कहा था, उनके जवानों ने भारत के दो वायु विमानों को मार गिराया है और दो पायलटों को पकड़ लिया है, लेकिन बाद में पाकिस्तान अपनी बात से पटल गया और कहा, उसने भारत वायुसेना के सिर्फ एक पायलट को गिरफ्तार किया है. 

पहले भी पाकिस्तान के कब्जे से छुड़वाया गया था जवान को
करगिल युद्ध के दौरान भी पाकिस्तान के कब्जे में एक 26 वर्षीय फ्लाइट लेफ्टिनेंट के. नचिकेता थे और बाद में उन्हें भारत के हवाले किया गया था. उस दौरान पाकिस्तान में जी. पार्थसारथी भारतीय उच्चायुक्त थे. पार्थसारथी 1963-1968 के दरम्यान भारतीय सेना के भी अधिकारी रह चुके हैं. तब नचिकेता की कैसे भारत वापसी हुई थी, पार्थसारथी ने बीबीसी से बातचीत में बताया कि करगिल युद्ध के समय प्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता मिग एयरक्राफ्ट में थे. उन्हें ये आदेश दिए गए थे कि नियंत्रण रेखा पार नहीं करना है. युद्ध के दौरान उन्होंने मिग से आक्रमण किया, लेकिन जब नीचे आए तो मिसाइल ट्रैक से उनको उतारा गया. पाकिस्तान ने उन्हें कब्जे में लिया.

बिना मीडिया के सामने आए फ्लाइट लेफ्टिनेट के नचिकेता को रिहा कराया गया था
पार्थसारथी ने कहा, कुछ दिन बाद मुझे पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से संदेश मिला कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा है कि नचिकेता को रिहा कर दिया जाए. ये उनकी तरफ से सद्भाव का संकेत था. हम उन्हें रिहा करना चाहते हैं. मैंने कहा- ठीक है. मैंने पूछा- उसने कहां मिलूं तो उन्होंने कहा कि जिन्ना हॉल आइये. मुझे पता चला कि जिन्ना हॉल में प्रेस कॉन्फ्रेंस होती है तो मैंने उनसे पूछा कि जब आप उनकी वापसी करते हैं तो वहां मीडिया होगी. तो उन्होंने कहा- 'हां'. इस पर मैंने कहा कि 'असंभव' है, जो युद्धबंदी रहे हैं आपके साथ उसको रिहा करते समय मीडिया रहेगी जिसे मैं कभी स्वीकार नहीं करूंगा. उन्हें अगर दुनिया की मीडिया के सामने उदाहरण बनाकर पेश करेंगे तो मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता. आप उनको निजी तौर पर हमें दें. मैंने दिल्ली को सूचित किया तो वहां से कहा गया कि आपने सही किया.

सिर्फ हफ्ते दो हफ्ते ही पाकिस्तान के कब्जे में था नचिकेता
पार्थसारथी ने कहा कि इसके बाद पाकिस्तान की तरफ से मुझे फिर फोन आया और पूछा गया कि आप बताएं कि उन्हें कैसे छोड़ा जाए. तो मैंने कहा कि देखिए आप से हमारा विश्वास चला गया है, आप उन्हें दूतावास में छोड़ें फिर मैं उनका चार्ज लूंगा. तो उन्हें दूतावास लाया गया और वहां मैंने उनका चार्ज लिया. रात को उन्हें एयर कमोडोर जसवाल के घर में ठहराया गया और अगले दिन मैंने कहा कि आप जहाज में नहीं जाएंगे. मैंने उनको एक गाड़ी में रखा, उनके साथ एयर अटैचे और नेवल अटैचे (वायु सेना और नेवी का अधिकारी जो एक राजनयिक मिशन का हिस्सा होता है) को भेजकर वाघा में अपनी सेना के सुपुर्द करने को कहा. नचिकेता सिर्फ हफ्ते दो हफ्ते ही पाकिस्तान के कब्जे में रहे.

दुर्व्यवहार करना अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन
पार्थसारथी ने कहा कि मैं 1965 के जंग में सियालकोट में था. यदि पाकिस्तान के कब्जे़ में आने के बाद उनके साथ दुर्व्यवहार हुआ तो यह सीधे-सीधे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है. मीडिया में पायलट की तस्वीर और हाथ बंधे वीडियो रिलीज करना युद्ध की नीतियों के खिलाफ है. हालांकि, नचिकेता के मामले में उनसे कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ था.