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बॉम्बे हाई कोर्ट में विजय माल्या की संपत्‍ति जब्‍त करने से रोक लगाने की याचिका खारिज

माल्या ने हाई कोर्ट से गुहार लगाई कि 5 जनवरी को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) कोर्ट के एक विशेष आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें विजय माल्‍या को FEO एक्ट के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने का आदेश दिया गया था.

Updated on: 11 Jul 2019, 01:54 PM

highlights

  • बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने विजय माल्‍या को कोई भी राहत देने से मना कर दिया
  • माल्या ने संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की थी

नई दिल्‍ली:

भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्‍या की संपत्‍तियों को जब्‍त करने से रोक लगाने वाली याचिका बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है. विजय माल्या ने सरकारी एजेंसियों द्वारा उनकी संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की थी. बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने विजय माल्‍या को कोई भी राहत देने से मना कर दिया. माल्या ने हाई कोर्ट में 5 जनवरी को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) कोर्ट के एक आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उसे FEO एक्ट के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने का आदेश दिया गया था. अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, किसी व्यक्ति को भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद अभियोजन एजेंसी, प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उसकी संपत्तियों को जब्त किया जा सकता है.

लंदन कोर्ट ने विजय माल्या को प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की दी इजाजत

इससे पहले 2 जुलाई को लंदन की रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने विजय माल्या (vijay mallya) के प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका को मंजूरी दे दी थी. विजय माल्या ने ब्रिटेन में कुछ और वक्त रहने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी.

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अगर कोर्ट माल्या को अपील करने की इजाजत नहीं देती तो उसका भारत आना तय था, लेकिन कोर्ट के फैसले से जांच एजेंसियों की कोशिश को झटका लगा है, जो लगातार उसे भारत लाने में लगे हुए हैं. कोर्ट से राहत मिलने के बाद विजय माल्या ने ट्वीट करके कहा, मैं एक बार फिर से किंगफिशर एयरलाइंस को पैसा देने वाले बैंकों को वापस भुगतान करने के अपने प्रस्ताव को दोहरा रहा हूं. विजय माल्‍या ने यह भी कहा कि शेष राशि के साथ मैं कर्मचारियों और अन्य लेनदारों का भुगतान कर जीवन में आगे बढ़ना चाहता हूं.