लव जिहाद कानून पर जफरयाब जिलानी बोले- सरकार के निशाने पर मुस्लिम, बढ़ेगा उत्पीड़न
'लव जिहाद' के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार अध्यादेश लाई है. जिसको लेकर देश में नई बहस छिड़ी है. लव जिहाद कानून पर वरिष्ठ वकील जफरयाब जिलानी ने सरकार पर हमला बोला है.
नई दिल्ली:
'लव जिहाद' के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार अध्यादेश लाई है. जिसको लेकर देश में नई बहस छिड़ी है. लव जिहाद कानून पर वरिष्ठ वकील जफरयाब जिलानी ने सरकार पर हमला बोला है. जिलानी ने कहा कि बहला फुसलाकर ऐसा बच्चियों के साथ किया जा रहा था, सरकार का ये कहना गलत है. उन्होंने कहा कि 25 करोड़ की आबादी में महज 100 लोगों के लिए कानून बनाया गया है. जिलानी ने कहा कि इस्लाम में जोर और लालच से धर्म परिवर्तन कुबूल नहीं है.
यह भी पढ़ें: विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र 28 दिसंबर से, लव जिहाद पर प्रस्ताव संभव
वरिष्ठ वकील जफरयाब जिलानी का कहना है कि सरकार में बैठे मंत्री और नेता अपने लिए इस कानून का पुलिस के जरिए इस्तेमाल करेंगे. उन्होंने कहा, 'मुसलमान ही नहीं हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, जैन सभी का उत्पीड़न होगा.' जिलानी ने कहा कि सरकार के टारगेट पर मुसलमान ज्यादा हैं, इसलिए उनका उत्पीड़न ज्यादा होगा. 99 प्रतिशत इसका पॉलिटिकल ऑब्जेक्टिव है, कोई रिफॉर्म जैसी बात इस कानून में नहीं है. उन्होंने कहा कि अपराध की रफ्तार न रोककर लव जिहाद जैसा मसला, जो बड़ा मसला नहीं है, उस पर कानून बना रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने तथाकथित 'लव जिहाद' की घटनाओं को रोकने के लिए मंगलवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दी है. इसके तहत विवाह के लिए छल, कपट, प्रलोभन या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 साल कारावास और जुर्माने की सजा का प्रावधान है. इस अध्यादेश के तहत ऐसे धर्म परिवर्तन को अपराध की श्रेणी में लाया जाएगा जो छल, कपट, प्रलोभन, बलपूर्वक या गलत तरीके से प्रभाव डालकर विवाह या किसी कपट रीति से एक धर्म से दूसरे धर्म में लाने के लिए किया जा रहा हो.
यह भी पढ़ें: जिस रिपोर्ट पर कानून बनने जा रहा है, उसमें लव जिहाद का जिक्र नहीं, बोले आदित्यनाथ मित्तल
इसे गैर जमानती संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखने और उससे संबंधित मुकदमे को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में विचारणीय बनाए जाने का प्रावधान किया जा रहा है. सरकार की ओर से कहा गया कि सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में संबंधित सामाजिक संगठनों का पंजीकरण रद्द कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. कोई धर्मांतरण छल, कपट, जबरन या विवाह के जरिए नहीं किया गया है, इसके सबूत देने की जिम्मेदारी धर्म परिवर्तन कराने वाले तथा करने वाले व्यक्ति पर होगी.
सरकार की ओर से बताया गया कि अध्यादेश का उल्लंघन करने पर कम से कम एक साल और अधिकतम पांच साल कैद तथा 15,000 रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है, जबकि नाबालिग लड़की, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की महिला के मामले में यह सजा तीन साल से 10 वर्ष तक की कैद और 25,000 रुपये जुर्माने की होगी.
यह भी पढ़ें: नाम बदल कर शादी करने पर होगी 10 साल की सजा, जानें लव जिहाद अध्यायदेश में क्या-क्या है
इसके अलावा सामूहिक धर्म परिवर्तन के संबंध में अधिकतम 10 साल की कैद और 50,000 रुपये जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है. प्रवक्ता ने बताया कि अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के इच्छुक लोगों को जिला अधिकारी के सामने एक निर्धारित प्रोफार्मा पर दो माह पहले इसकी सूचना देनी होगी. इजाजत मिलने पर वे धर्म परिवर्तन कर सकेंगे. इसका उल्लंघन करने पर छह माह से तीन साल तक की कैद और 10,000 रुपये जुर्माने की सजा तय की गई है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
-
SRH vs RR Pitch Report : बल्लेबाज मचाएंगे धमाल या गेंदबाज मारेंगे बाजी? जानें कैसी होगी हैदराबाद की पिच
-
T20 World Cup 2024 टीम में नहीं मिला SRH और LSG के एक भी खिलाड़ी को मौका, IPL के इस टीम का दबदबा
-
CSK vs PBKS Dream11 Prediction : चेन्नई और पंजाब के मैच में ये हो सकती है ड्रीम11 टीम, इन्हें चुने कप्तान
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Ganga Dussehra 2024: इस साल गंगा दशहरा पर बन रहा है दुर्लभ योग, इस शुभ मुहूर्त में स्नान करें
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीय के दिन करें ये उपाय, चुम्बक की तरह खिंचा चला आएगा धन!
-
May 2024 Panchak: आज से शुरू हुआ है गुरू पंचक, अगले 5 दिन ना करें कोई शुभ काम
-
Love Rashifal 2 May 2024: प्रेम और वैवाहिक जीवन के लिए कैसा रहेगा गुरुवार का दिन, पढ़ें लव राशिफल