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कोर्ट के आदेश का पालन किया, जो बॉन्ड भुगतान नहीं हुए वो PM रिफंड में गए, SC में बोला SBI

सुप्रीम कोर्ट से फटकार के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने इलेक्टोरल बॉन्ड का पूरा डेटा चुनाव आयोग को सौंप दिया है. चुनाव आयोग अब इस डेटा को अपने अपने साइट पर अपलोड करेगा.

Updated on: 13 Mar 2024, 01:22 PM

नई दिल्ली:

इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने आज सुप्रीम कोर्ट में चुनावी बॉन्ड पर हलफनामा दाखिल किया. इस हलफनामा में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने बताया कि चुनाव आयोग को ब्योरा उपलब्ध कराया गया है. कोर्ट का आदेश का पूरा पालन किया गया है. बार एंड बेंच ने (पूर्व में ट्विटर) X पर जानकारी दी. चुनाव आयोग (EC) इस पूरे आंकड़े को 15 मार्च तक अपलोड करेगा. चुनाव आयोग इलेक्टोरल बॉन्ड की खरीदी को भी सार्वजनिक करेगा, जो अब तक केवल सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में जमा किए गए थे. बता दें कि 11 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने बैंक को फटकार लगाई थी और 12 मार्च शाम तक यह डिटेल देने का निर्देश दिया था. इसी को देखते हुए  स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने मंगलवार शाम को चुनाव आयोग को पूरा डेटा उपलब्ध करा दिया था. 

पेनड्राइव और PDF फाइल में जमा है पूरा डेटा
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सीएमडी दिनेश खारा ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि एसबीआई ने कोर्ट के आदेश का पूरा पालन किया है. इसमें  इलेक्टोरल बॉन्ड की खरीद और बिक्री, इसके खरीदार के नाम समेत सभी संबंधित जानकारी को लेकर रिपोर्ट तैयार की है और इसे समय रहते आयोग को मुहैया करा दिया गया है. एसबीआई ने अपने हलफनामे में कहा है कि बैंक ने सीलबंद लिफाफे में एक पेनड्राइव और दो पीडीएफ फाइल के जरिए सामग्री सौंपी है. इसके पासवर्ड भी हैं. जिस इलेक्टोरल बॉन्ड का भुगतान किसी पार्टी को नहीं हो पाया है. उसकी रकम पीएम रिलीफ फंड में जमा कर दी गई है.

पीएम रिलीफ फंड में जमा हैं रकम

इस हलफनामे में बैंक ने आंकड़ों के जरिए बताया है कि पहली अप्रैल 2019 के बाद से 15 फरवरी 2024 तक कुल 22, 217 इलेक्टोरल बॉन्ड बिके हैं. इनमें से 22, 030 भुना लिए गए हैं. इनमे से 187 का भुगतान नहीं किया गया है. ऐसे में इस रकम को पीएम रिलीफ फंड में जमा कर दिए गए हैं.