कृषि कानूनों के मुद्दे को UN में ले जाएंगे आंदोलनकारी? टिकैत ने कही ये बात
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. इस बीच खबर आई की केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के मुद्दों को आंदोलनकारी किसान संयुक्त राष्ट्र में ले जाएगे. किसान नेता राकेश टिकैत ने कृषि कानूनों के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने की बात पर सफाई दी है.
highlights
- 26 जनवरी की घटना की निष्पक्ष जांच हो जाए : राकेश टिकैत
- सरकार बातचीत करने के लिए तैयार है: कृषि मंत्री
- किसान 8 महीने से आंदोलन कर रहे हैं
नई दिल्ली:
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. इस बीच खबर आई की केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के मुद्दों को आंदोलनकारी किसान संयुक्त राष्ट्र में ले जाएगे. किसान नेता राकेश टिकैत ने कृषि कानूनों के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने की बात पर सफाई दी है. दरअसल, न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 22 जुलाई से हमारे 200 लोग संसद के पास विरोध प्रदर्शन करेंगे. साथ ही राकेश टिकैत ने कहा कि हमने ये नहीं कहा था कि कृषि कानूनों को लेकर संयुक्त राष्ट्र में जाएंगे. किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर दोहराया है कि अगर केंद्र कृषि कानूनों पर चर्चा चाहता है तो हम बातचीत के लिए तैयार हैं.
26 जनवरी की घटना की निष्पक्ष जांच हो जाए : राकेश टिकैत
किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बताया कि हमने ये कहा था कि 26 जनवरी की घटना की निष्पक्ष जांच हो जाए. अगर यहां की एजेंसी जांच नहीं कर रही है तो क्या हम संयुक्त राष्ट्र में जाएं? उन्होंने आगे का कि भारत सरकार बातचीत करना चाहती है तो हम तैयार हैं. इससे पहले टिकैत ने कहा था कि किसान 8 महीने से यह आंदोलन सरकार का आदेश पालन करने के लिए नहीं कर रहे हैं. अभी तक कृषि कानून वापस नहीं लिए गए और वो हमें प्रदर्शन खत्म करने के लिए कह रहे हैं. अगर वो बातचीत करना चाहते हैं तो कर सकते हैं. लेकिन उन्हें कोई शर्त लागू नहीं करना चाहिए.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आंदोलन खत्म करने की अपील की थी
बता दें कि हाल ही केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर प्रदर्शनकारी किसानों से उनका आंदोलन खत्म करने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि मैं आंदोलन कर रहे किसानों से अपील करना चाहता हूं कि अपना प्रदर्शन खत्म करें और बातचीत करें. सरकार बातचीत करने के लिए तैयार है. कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि उपज मंडी समितियां (एपीएमसी) और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद प्रणाली बनी रहेगी तथा इसे और मजबूत किया जाएगा.
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