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दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर, स्कूलों को बंद करने की नौबत!

प्रदूषण का असर नजर आने लगा है। एनजीटी ने भी स्थिति की गंभीरता को समझते हुए दिल्ली सरकार से स्टेटस रिपोर्ट शुक्रवार तक देने को कहा है।

Updated on: 03 Nov 2016, 05:42 PM

नई दिल्ली:

एनसीआर में प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक पहुंच जाने के बाद जहां नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने सख्त रवैया अपनाते हुए दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है, वहीं नौबत स्कूलों को बंद करने तक की आ गई है। गुड़गांव और दिल्ली स्थित श्री राम स्कूल ने 10वीं और 12वीं की कक्षाओं को छोड़ शुक्रवार से लेकर सोमवार तक अपने सभी कक्षाओं को रद्द कर दिया है।

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कुछ और स्कूलों ने भी मौजूदा स्थिति पर चिंता जताई है लेकिन समय पर सिलेबस को पूरा करने के दबाव के कारण तुरंत किसी कदम को उठाने में हिचक रहे हैं।

जानकारों के मुताबिक प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर से सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे और बुजुर्ग होते हैं। इसका असर नजर आने भी लगा है। एनजीटी ने भी स्थिति की गंभीरता को समझते हुए दिल्ली सरकार से स्टेटस रिपोर्ट शुक्रवार तक देने को कहा है। दरअसल, गुरुवार को डेंगू से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार और एमसीडी ने कहा कि मच्छर तो दिवाली के बाद प्रदूषण से वैसे भी मर गए होंगे।

इसके बाद एनजीटी ने पूछ लिया कि क्या प्रदूषण बढ़ने के बाद आम आदमी के लिए क्या इमरजेंसी कदम उठाए गए है? क्या कोई एडवायजरी जारी की गई या फिर स्कूलों को बंद करने की जरूरत समझी?

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गौरतलब है कि बुधवार को एनसीआर का क्षेत्र स्मॉग से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा। गुरुवार को भी यही हाल रहा। इसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर नजर आ रहा है। खासकर बुजुर्गों और बच्चों में सांस की तकलीफ सबसे ज्यादा है। यही नहीं, शाम और रात के समय विजिबिलिटी भी बेहद कम हो जाती है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में कोहरे के साथ घना धुंआ मिल चुका है और इसी वजह से स्मॉग की स्थिति बन गई है। पिछले कई सालों से दिवाली के बाद दिल्ली में यही नजारा आम हो जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक स्मॉग की स्थिति अगले तीन से चार दिनों तक ऐसे ही बनी रहेगी।