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चांद पर पहुंचने का हमारा सपना पूरा होकर रहेगा, मुंबई में बोले पीएम नरेंद्र मोदी

पीएम मोदी ने कहा, जब तक लक्ष्य प्राप्‍त नहीं हो जाता, इसरो के वैज्ञानिक न थकते हैं और न ही बैठते हैं. मिशन चंद्रयान 2 में एक रुकावट आई है, लेकिन इसरो के वैज्ञानिक तब तक नहीं रुकेंगे, तब तक नहीं मानेंगे.

Updated on: 07 Sep 2019, 01:08 PM

नई दिल्‍ली:

इसरो मुख्‍यालय से राष्‍ट्र को संबोधित करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार दोपहर मुंबई पहुंचे और वहां मेट्रो रेल का उद्घाटन किया. पीएम नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर कहा कि जो लगातार रुकावट के बाद भी निरंतर प्रयास करते हैं और अपने लक्ष्य को प्राप्‍त करके ही दम लेते हैं. चंद्रयान 2 मिशन को लेकर पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों की काफी सराहना की. पीएम मोदी ने कहा, जब तक लक्ष्य प्राप्‍त नहीं हो जाता, इसरो के वैज्ञानिक न थकते हैं और न ही बैठते हैं. मिशन चंद्रयान 2 में एक रुकावट आई है, लेकिन इसरो के वैज्ञानिक तब तक नहीं रुकेंगे, तब तक नहीं मानेंगे.

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पीएम मोदी ने कहा, अपने संकल्‍पों के लिए निरंतर प्रयास, गणेशोत्‍सव का माहौल और मुंबई में हजारों करोड़ के मुंबई मेट्रो के प्रोजेक्‍ट की शुरुआत हो रही है. मैं मुंबई और आसपास रहने वालों को शुभकामनाएं देता हूं. 20000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्‍ट का यहां शुभारंभ हो रहा है. ये परियोजनाएं मुंबई के इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को सुलभ बनाएगी. लाखों प्रोफेशनल्‍स के लिए ये प्रोजेक्‍ट अवसर लेकर आए हैं.

प्रधानमंत्री बोले, बीते 5 सालों में आमची मुंबई को सुविधा देने के लिए हमने प्रयास किए हैं. देवेंद्र फड़नवीस की सरकार ने यहां बहुत काम किए हैं. वर्तमान के साथ ही भविष्‍य की जरूरतों की आवश्‍यकताओं के हिसाब से अभी से काम किया जा रहा है. आज जब देश 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की तरफ बढ़ रहा है तो हमें अपने शहरों को 21वीं सदी का शहर बनाना ही होगा. हर लिहाज से एक बेहतर व्‍यवस्‍था हमें तैयार करनी है. इसी सोच के अनुसार हमारे सरकार अगले 5 साल में आधुनिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर पर 100 लाख करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है. मुंबई के साथ पूरे महाराष्‍ट्र को इसका लाभ मिलेगा.

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पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, देश भर के शहरों में हम इंटीग्रेटेड सिस्‍टम पर ध्‍यान दे रहे हैं. रेल, रोड, मेट्रो को एक दूसरे से कनेक्‍ट किया जा रहा है. करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये से मेट्रो नेटवर्क पर काम किया जा रहा है. 2024 तक मेट्रो सवा 300 किलोमीटर से अधिक हो जाएगा. इसका असर यह हो जाएगा कि आज जितने लोग मुंबई में लोकल में सफर करते हैं, उतने ही लोग मेट्रो में सफर करेंगे. लोकल को भी आधुनिक बनाने पर काम किया जा रहा है. इन लाइनों पर जो मेट्रो दौड़ेगी, वो भारत में मेक इन इंडिया के तहत बने हैं.