कश्मीर में और सख्त होगा आतंकियों के खिलाफ अभियान, ये है NSA चीफ डोभाल का मास्टर प्लान
पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद की ओर से 30 भारतीय शहरों में हमलों के अलावा प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और एनएसए के लिए भी खतरा है.
highlights
- कश्मीर में बढ़ाई जाएगी सुरक्षा व्यवस्था
- एनएसए अजित डोभाल ने लिया जायजा
- 400 से 500 आतंकी कर सकते हैं घुसपैठ
नई दिल्ली:
आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद (JeM) की ओर से जम्मू एवं कश्मीर में संभावित खतरे को देखते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने गुरुवार को दिल्ली लौटने से पहले कश्मीर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की. डोभाल ने जम्मू एवं कश्मीर में बड़े आतंकी हमले की आशंका जताए जाने के बाद इस केंद्र शासित राज्य का दौरा किया. खुफिया एजेंसियों से मिली सूचना व अन्य रिपोर्टो में बताया गया है कि नियंत्रण रेखा (LOC) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से 450 से 500 आतंकवादी राज्य में घुसने के लिए घात लगाए बैठे हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि जैश-ए-मुहम्मद की ओर से 30 भारतीय शहरों में हमलों के अलावा प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और एनएसए के लिए भी खतरा है. ऐसी परिस्थतियों के बीच एनएसए की सुरक्षा समीक्षा और भी महत्वपूर्ण हो जाती है. सूत्रों का कहना है कि एनएसए ने नागरिक प्रशासन, पुलिस, अर्धसैनिक बल, सेना, राज्य और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सभी तरह की सुरक्षा स्थिति से संबंधित समीक्षा की.
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सूत्र ने बताया, "एनएसए ने सुरक्षा बलों द्वारा संभाली जा रही स्थिति पर संतोष जताया है. उन्होंने सुरक्षाबलों की ओर से आम आदमी की सुविधा के लिए हरसंभव प्रयास सुनिश्चित करने के लिए भी संतुष्टि जाहिर की है." उन्होंने बताया, "घाटी में तीन सप्ताह पहले लैंडलाइन टेलीफोन कनेक्शन बहाल किए जाने के बाद अब कश्मीर में मोबाइल फोन सेवाओं को बहाल करने की संभावना है. बीएसएनएल पोस्टपेड मोबाइल सेवाओं को अगले कुछ दिनों के दौरान शुरू कर दिया जाएगा." उन्होंने कहा, "अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के बाद हिंसा की किसी भी बड़ी घटना की आशंका को देखते हुए एनएसए को राज्य प्रशासन की ओर से नियमित रूप से सुरक्षा, कानून एवं व्यवस्था, नागरिक आपूर्ति आदि पर प्रतिक्रिया मिल रही है."
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सूत्र ने कहा, "अनुच्छेद-370 को रद्द करने के बाद से धारा 144 के तहत पूरी घाटी भर में प्रतिबंधात्मक आदेश लागू हैं, मगर पिछले 25 दिनों के दौरान किसी भी क्षेत्र में कर्फ्यू नहीं लगाया गया है." उन्होंने कहा कि शुक्रवार की नमाज के बाद पत्थरबाजों द्वारा की गई हिंसा को रोकने के लिए कुछ स्थानों पर इस अवधि के दौरान प्रतिबंध लगाए गए. अधिकारियों का कहना है कि घाटी में सभी अस्पताल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं और इनमें जरूरी दवाएं व उपकरण पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं. शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "10वीं कक्षा तक के स्कूल खुले हैं. अभी तक हालांकि अधिकांश स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति सामान्य नहीं हुई है." घाटी में सेब और धान की फसलों की कटाई पूरे जोरों पर है. कश्मीर के प्रमुख सेब उत्पादक जिलों- बारामूला, अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम आदि जगहों से सेब को ट्रकों में भरकर बाहरी बाजारों में ले जाया जा रहा है.
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