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मुसलमान सबसे सुखी भारत में, क्योंकि हम हिंदू हैं : मोहन भागवत

हर धर्म के अल्पसंख्यक भारत में ही सुरक्षित और खुशहाल महसूस कर सकते हैं, क्योंकि यहां हिंदू बहुसंख्यक है. मोहन भागवत ने यह बयान भुनेश्वर में दिया है, जहां संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है.

Updated on: 13 Oct 2019, 10:48 AM

highlights

  • संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भुवनेश्वर में अल्पसंख्यकों पर दिया बेबाक बयान.
  • कहा-हिंदुओं के बहुसंख्यक होने से ही पारसी-मुसलमान सर्वाधिक सुरक्षित.
  • भुवनेश्वर में हो रही आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक.

भुवनेश्वर:

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने भारत में रहने वाले अल्पसंख्यकों को लेकर भुवनेश्वर में एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हर धर्म के अल्पसंख्यक भारत में ही सुरक्षित और खुशहाल महसूस कर सकते हैं, क्योंकि यहां हिंदू बहुसंख्यक है. मोहन भागवत ने यह बयान भुनेश्वर में दिया है, जहां संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है. संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सहित अन्य कार्यक्रम नौ दिन तक आयोजित होंगे, जिसमें देश के विभिन्न स्थानों से बुद्धिजीवी तथा संघ के प्रचारक भाग ले रहे हैं.

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समाज को संगठित करने का काम कर रहा संघ
शनिवार को संघ प्रमुख मोहन भगवत ने कहा, यहूदी मारे-मारे फिरते थे. अकेला भारत है जहां उनको आश्रय मिला. पारसियों की पूजा और मूल धर्म केवल भारत में सुरक्षित है. इसी तरह विश्व में सर्वाधिक सुखी मुसलमान भारत में ही मिलेगा. यह क्यों है? क्योंकि हम हिंदू हैं... स्थानीय सोआ विश्वविद्यालय में आयोजित संघ के बुद्धजीवी सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर भागवत ने कहा कि समाज को संगठित करने के लिए संघ काम कर रहा है. संगठित समाज के जरिए ही राष्ट्र का निर्माण संभव है. ओडिशा में पहली बार संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को लेकर स्थानीय स्वयंसेवकों में काफी उत्साह है.

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उत्कृष्ट इंसान तैयार करने का मकसद
ओडिशा के नौ दिन के दौरे पर आए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि यह हमारी इच्छा है कि आरएसएस तथा समाज एक समूह के तौर पर काम करें. भारत की विविधता की प्रशंसा करते हुए भागवत ने कहा कि कहा कि पूरा देश एक सूत्र से बंधा है. उन्होंने कहा कि भारत के लोग विविध संस्कृति, भाषाओं, भौगोलिक स्थानों के बावजूद खुद को एक मानते हैं. उन्होंने कहा कि समाज में बदलाव लाने की दिशा में सही तरीका यह है कि ऐसे उत्कृष्ट इंसान तैयार किये जाएं, जो समाज को बदलने तथा देश की कायापलट करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सके क्योंकि 130 करोड़ लोगों को एक साथ बदलना मुमकिन नहीं होगा.