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मुंबई पुलिस ने PMC Bank मामले में कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया

मुंबई पुलिस ने PMC Bank मामले में कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया

Updated on: 16 Dec 2019, 02:29 PM

मुंबई:

PMC Bank Scam: मुंबई पुलिस ने पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (PMC) बैंक मामले में मुंबई की एक अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है. आरोप पत्र दाखिल करने की औपचारिक प्रक्रिया अभी भी चल रही है. रविवार को पीएमसी बैंक के खाताधारकों ने मुंबई में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के बाहर प्रदर्शन किया था. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मातोश्री के बाहर जमकर नारेबाजी की थी. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पीएमसी बैंक के कुछ अकाउंट होल्डर को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया था.

बता दें कि इस महीने के शुरुआत में PMC Bank घोटाले में 3 और डायरेक्टर को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार किए गए डायरेक्टर में 2 महिलाएं थीं. डॉ तृप्ति बने रिकवरी कमिटी की मेंबर थीं, जबकि मुक्ति बावीसी लोआन एंड एडवांसेस कमिटी की मेंबर थीं. वहीं जगदीश मुखी ऑडिट कमिटी के मेंबर थे.

खाताधारकों को प्रमोटरों की जब्त संपत्ति की नीलामी से दिया जा सकता है पैसा
बता दें कि इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने लोकसभा में पंजाब एंड महाराष्ट्र कॉर्पोरेशन बैंक (PMC Bank) घोटाले को लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि हमने सुनिश्चित किया है कि प्रमोटरों की संलग्न संपत्तियां कुछ शर्तों के तहत RBI को दी जा सकती हैं. इसके अलावा उन संपत्तियों की नीलामी के जरिए मिले पैसे को जमाकर्ताओं (Depositors) को पैसा दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पीएमसी बैंक के करीब 78 फीसदी खाताधारकों को अपने अकाउंट से पैसा निकालने की अनुमति दी जा चुकी है.

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मेडिकल इमर्जेंसी में बैंक से निकाल सकेंगे 1 लाख रुपये
बता दें कि इससे पहले पंजाब और महाराष्ट्र को ऑपरेटिव बैंक (PMC Bank) के खाताधारकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई थी. दरअसल, पीएमसी बैंक के खाताधारक अब आकस्मिक चिकित्सा (medical emergency) की स्थिति में 1 लाख रुपये तक की निकासी के लिए RBI द्वारा नियुक्त प्रशासक से संपर्क कर सकते हैं.

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RBI ने पैसा निकालने पर लगी पाबंदियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं के लिए हाईकोर्ट में दिए अपने हलफनामे में इसका जिक्र किया था. RBI ने हलफनामे में विवाह, शिक्षा, आजीविका सहित अन्य मुश्किलों वाली स्थितियों के लिए 50,000 रुपये तक की निकासी की भी जानकारी कोर्ट को दी है.