दार्जिलिंग हिंसा: बातचीत को तैयार ममता, कहा-मर जाउंगी लेकिन बंगाल को बंटने नहीं दूंगी
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) पर दार्जिलिंग में हिंसा फैलाने का आरोप लगाते हुए बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह किसी भी कीमत पर बंगाल को बंटने नहीं देंगी।
highlights
- ममता ने कहा कि वह जान दे देंगी लेकिन किसी भी कीमत पर बंगाल को बंटने नहीं देंगी
- ममता ने कहा कि सरकार अनुकूल माहौल में जीजेएम के साथ बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है
नई दिल्ली:
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) पर दार्जिलिंग में हिंसा फैलाने का आरोप लगाते हुए बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह किसी भी कीमत पर बंगाल को बंटने नहीं देंगी।
ममता ने कहा, 'मैं बंगाल को बंटने नहीं दूंगी।'
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अनुकूल माहौल में जीजेएम के साथ बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है। ममता ने कहा कि दार्जिलिंग में बढ़ती अशांति पर चर्चा के लिए 22 जून को सिलिगुड़ी में सर्वदलीय बैठक होगी।
जीजेएम ने अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है। हालांकि मोर्चा ने ममता सरकार के साथ किसी तरह की बातचीत की संभावनाओं को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। हालांकि उन्होंने कहा कि वह केंद्र की सरकार के साथ बातचीत कर सकते हैं।
अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर जीजेएम ने अनिश्चिकालीन हड़ताल बुलाया है, जिसका आज सातवां दिन है। आंदोलन के छठें दिन हुई हिंसा में जीजेएम के तीन कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं जबकि एक पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से घायल हुआ है। स्थिति बिगड़ने के बाद कुछ इलाकों में सेना को तैनात करना पड़ा है।
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा पर गंभीर आरोप लगाते हुए ममता ने कहा कि उन्हें आतंकियों का समर्थन मिला हुआ है और संगठन ने कई रिपोर्टर्स को अगवा कर रखा है। उन्होंने कहा, 'हम यहां पत्रकारों का सम्मान करने आए हैं। हर दिन पत्रकार अपनी जान जोखिम में डालकर खबरों को निकालते हैं। दार्जिलिंग में न केवल पुलिस अधिकारियों को पीटा गया बल्कि पत्रकारों को भी निशाना बनाया गया। पत्रकारों को अगवा किया जा रहा है। उन्हें बंधन बनाकर रखा जा रहा है और इस दौरान उनसे वहीं लिखने और बोलने को कहा जा रहा है जो मोर्चा उनसे कहलवाना चाहता है।'
ममता ने कहा, 'मैंने खुद कई आंदोलन किए हैं। अगर यह केवल पत्थरबाजी का मामला होता तो कोई और बात थी। लेकिन उन्होंने हथियार से हमला किया है। अगर वह मुझसे विनम्रता से बात करते तो ठीक था और मैं भी उनसे बात करती। मैं आपसे पहले भी कह चुकी हूं अगर आप मुझे घर बुलाकर बर्तन साफ करने के लिए कहेंगे तो मैं वह भी करूंगी लेकिन आपको विनम्रता से बात करनी होगी। लेकिन अगर आप मुझे बंदूक के दम पर धमकाएंगे तो मैं आपको बता दूं कि मैं बंदूक छीनकर भाग सकती हूं। यह हिम्मत की लड़ाई है। जरूरत पड़ने पर मैं जान दे दूंगी लेकिन बंगाल को टूटने नहीं दूंगी।'
जीजेएम की हिंसा पर बरसते हुए ममता ने कहा, 'राज्य के उत्तरी पहाड़ी इलाके में हो रही हिंसा गहरी साजिश का परिणाम है। भारी मात्रा में विस्फोटक तथा हथियार एक दिन में नहीं आ सकता। वहां अंतर्राष्ट्रीय व राज्य सीमा है। वे संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं। वे केवल बम फेंक रहे हैं। उन्होंने अवैध हथियारों व बमों का जखीरा जमा कर रखा है।'
ममता ने कहा कि राज्य सरकार अनुकूल माहौल में जीजेएम के साथ वार्ता करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, 'हम तैयार हैं, लेकिन मौजूदा हालात में नहीं।' ममता ने आरोप लगाया कि जीजेएम के पूर्वोत्तर के उग्रवादी समूहों तथा विदेशियों से संपर्क हैं।
उन्होंने कहा, 'पुलिस के माध्यम से हमें पता चला है कि उनका उग्रवादियों से संबंध है। मुझे बताया गया है कि उनके पूर्वोत्तर भारत के अंडरग्राउंड उग्रवादियों से संबंध हैं। मैंने आग्रह किया है कि दार्जिलिंग में उन्हें समर्थन नहीं किया जाना चाहिए।'
इससे पहले दार्जिलिंग हिंसा को लेकर ममता ने राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी और 15 विकास बोर्ड के चेयरमैन के साथ मुलाकात की थी।
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