जानिए क्यों सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों के कर्मचारी कर रहे हैं हड़ताल
नॉन-लाइफ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर के यूनियन एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण, बीमा क्षेत्र में FDI सीमा को बढ़ाकर 74 फीसदी करने और IPO के जरिए LIC के शेयरों के विनिवेश के विरोध में हड़ताल कर रही है.
highlights
- सरकारी क्षेत्र की साधारण बीमा और जीवन बीमा कंपनियों के कर्मचारी बुधवार (17 मार्च) और गुरुवार (18 मार्च 2021) को हड़ताल पर रहेंगे
- निजीकरण, बीमा क्षेत्र में FDI सीमा को बढ़ाकर 74 फीसदी करने और IPO के जरिए LIC के विनिवेश के विरोध में हड़ताल
नई दिल्ली:
सरकारी बैंकों के कर्मचारियों के दो दिन के हड़ताल के बाद अब सरकारी क्षेत्र की साधारण बीमा और जीवन बीमा कंपनियों के कर्मचारी आज यानि बुधवार (17 मार्च) और गुरुवार (18 मार्च 2021) को हड़ताल पर रहेंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंश्योरेंस कंपनियों के यूनियन के नेताओं के अनुसार नॉन-लाइफ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर के यूनियन एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण, बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की सीमा को बढ़ाकर 74 फीसदी करने और IPO के जरिए LIC के शेयरों के विनिवेश के विरोध में हड़ताल कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जनरल इंश्योरेंस ऑल इंडिया इम्पलॉयज एसोसिएशन (GIEAIA) के महासचिव के गोविंदन का कहना है कि जनरल इंश्योरेंस सेक्टर के सभी यूनियन ने इंश्योरेंस सेक्टर में FDI की सीमा को 74 फीसदी तक बढ़ाने, एक कंपनी का निजीकरण करने और चार कंपनियों के विलय एवं वेतन में संशोधन पर जल्द फैसले की मांग को लेकर हड़ताल करने का निर्णय किया गया है.
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एलआईसी प्रबंधन ने सैलरी में 16 फीसदी की बढ़ोतरी की पेशकश की
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑल इंडिया इंश्योरेंस इम्पलॉइज एसोसिएशन (AIIEA) के महासचिव श्रीकांत मिश्रा का कहना है कि एलआईसी के यूनियन FDI की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करने, एलआईसी में हिस्सेदारी घटाने और वेतन में संशोधन की मांग को लेकर गुरुवार को हड़ताल करने जा रहे हैं. उनका कहना है कि एलआईसी प्रबंधन ने चार दौर की बातचीत के बाद सैलरी में 16 फीसदी की बढ़ोतरी की पेशकश की है.
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सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मचारियों की दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल सफल रही थी. बैंक कर्मचारी संघ के एक शीर्ष नेता ने यह जानकारी साझा की है. बता दें कि दो दिवसीय हड़ताल सोमवार से शुरू हुई थी. अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सी.एच. वेंकटचलम, ने कहा कि विभिन्न राज्यों में हमारी यूनियनों से प्राप्त रिपोटरें के अनुसार, हड़ताल सफल रही है. बैंक की अधिकांश शाखाएं बंद रही थीं. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में कुछ शाखाएं खुली थीं लेकिन कोई भी बैंकिंग लेनदेन नहीं किया गया क्योंकि अन्य कर्मचारी हड़ताल पर थे. केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण का फैसला किया है और यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने विरोध में हड़ताल का आह्वान किया था. बैंकिंग क्षेत्र में नौ यूनियनों की एक संस्था यूएफबीयू ने हड़ताल का आह्वान किया था.
इनपुट आईएएनएस
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