कर्नाटकः ये कैसा रिवाज, यहां नवजातों को सुलाते हैं धधकते अंगारों पर
साल में एक बार होने वाली इस प्रथा में भाग लेने वाली किशोरियों को ऐसे कपड़े पहनाए जाते हैं जिससे उसकी कमर से ऊपर का हिस्सा न ढके।
नई दिल्ली:
रिवाज के नाम पर कर्नाटक के हुबली के धारवाड़ के कुंगडोल में एक अजीबोगरीब अंधविश्वास का मामला सामने आया है। यहां, अपने ही नवजात शिशु को केले के पत्ते में लपेटकर जलते कोयले के ऊपर रखने की परंपरा है।
धार्मिक रिवाज के मुताबिक मासूम बच्चों को केले के पत्ते में लपेटकर दहकते कोयले पर रखा जाता है। यह रिवाज मुहर्रम का हिस्सा है और बच्चा पैदा होने की दुआ कुबूल होने पर किया जाता है।
हैरान करने वाली बात यह है कि कई लोग इसमें हिस्सा लेते रहे हैं और ऐसा करने के लिए यहां देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग यहां आते हैं।
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आस्था के नाम पर बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ करने की बात हो तो महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ गांवों में नीचे चादर लगाकर नवजात शिशुओं को किसी इमारत की छत से करीब 15 मीटर की ऊंचाई से नीचे फेंका जाता है।
हाल ही में तमिलनाडु के मदुरै से ऐसी ही अंधभक्ति की खबर आई थी। यहां के वेल्लूर में धर्म के नाम पर किशोरियों को देवियों की तरह सजाकर 15 दिन के लिए मंदिर में टॉपलेस रखा गया था।
साल में एक बार होने वाली इस प्रथा में भाग लेने वाली किशोरियों को ऐसे कपड़े पहनाए जाते हैं जिससे उसकी कमर से ऊपर का हिस्सा ढका हुआ न रहे।
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