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Pulwama Attack: शहीद जवानों को PM Modi ने दी श्रद्धांजलि, बोले- उनका साहस देश को प्रेरित करता है

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले की मंगलवार यानि आज चौथी बरसी है. 14 फरवरी 2019 को जब जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारतीय सुरक्षाकर्मियों का काफिला जा रहा था.

Updated on: 14 Feb 2023, 09:23 AM

highlights

  • लेथापोरा में आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे
  • स्मारक सीआरपीएफ की 185 बटालियन कैंप में स्थित है
  • रक्तदान शिविर के साथ विशेष हथियारों की प्रदर्शनी भी 

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले की मंगलवार यानि आज चौथी बरसी है. 14 फरवरी 2019 को जब जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारतीय सुरक्षाकर्मियों का काफिला जा रहा था. तभी लेथापोरा में आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. पीएम मोदी सहित कई बड़ी हस्तियों ने इन जवानों को श्रद्धांजलि दी. पीएम ने लिखा, हमारे वीर नायकों को याद करते हुए जिन्हें हमने इस दिन पुलवामा में खो दिया था। हम उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे। उनका साहस हमें एक मजबूत और विकसित भारत बनाने के लिए प्रेरित करता है। पुलवामा हमले में शहीद जवानों को पूरे देश से श्रद्धांजलि दी जा रही है. कई हस्तियों ने भी पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों की उस कायराना हरकत की निंदा की। इसके साथ शहीद जवानों के परिवारों को मदद देने की बात कही.

 

सीआरपीएफ के लेथपोरा कैंप में मौजूद शहीद स्मारक पर 40 शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरान सीआरपीएफ जम्मू-कश्मीर के स्पेशल डीजी दलजीत सिंह चौधरी भी पहुंचे. यहां पर रक्तदान शिविर के साथ विशेष हथियारों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है. इस हमले को चार वर्ष बीत चुके हैं. आतंकी हमले की पहली बरसी पर शहीद 40 सीआरपीएफ जवानों की याद में लेथपोरा में स्मारक स्थल का उद्घाटन किया गया था.

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यह स्मारक सीआरपीएफ की 185 बटालियन कैंप में स्थित है. यहां पर जैश के आतंकी आदिल अहमद डार ने विस्फोटक से भरी कार को सुरक्षाबलों के काफिले  को टक्कर मारी थी. स्मारक पर उन सभी 40 जवानों की तस्वीरों के साथ उनके नाम अंकित हैं. इस हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में एयर सर्जिकल स्ट्राइक कर अपने शहीद जवानों का बदला लिया था. इस एयर स्ट्राइक में कई आतंकियों को मार गिराया गया. भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर इस हमले को अंजाम दिया था.

इस हमले में आतंकियों के दो कैंपों को पूरी तरह से बबार्द कर दिया गया. हालांकि पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम इमरान खान ने इस हमले को लेकर किसी तरह के नुकसान की बात कही थी. बाद में पाकिस्तान ने भी भारतीय सीमा पर हमले की कोशिश की. मगर हमला नाकाम रहा. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान को इस मामले में बिल्कुल भी सपोर्ट नहीं मिला. अमेरिका ने पाकिस्तान को एफ-16 विमान के इस्तेमाल पर कड़ी फटकार लगाई थी.