जम्मू-कश्मीर में सरकारी दफ्तरों पर अब तिरंगा फहराना जरूरी
अगले पंद्रह दिनों के अंदर सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के संबंध में लेफ्टिनेंट गवर्नर के निर्देशों को लागू करने के लिए कहा है.
highlights
- पंद्रह दिनों के अंदर सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाए
- संभागीय आयुक्त कार्यालय जम्मू ने इस बारे में जारी किए निर्देश
- एलजी मनोज सिन्हा ने हाल ही में ली थी अधिकारियों की बैठक
जम्मू:
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में एलजी ने यहां के सभी सरकारी दफ्तरों में तिरंगा फहराने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद संभागीय आयुक्त कार्यालय जम्मू ने सभी उपायुक्तों और विभागाध्यक्षों को अगले पंद्रह दिनों के अंदर सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के संबंध में लेफ्टिनेंट गवर्नर निर्देशों को लागू करने के लिए कहा है. संभागीय आयुक्त जम्मू द्वारा मिली एक जानकारी के अनुसार जम्मू संभाग के विभिन्न विभागों के उपायुक्तों-मंडल प्रमुखों से कहा गया है कि वे भारतीय ध्वज संहिता के प्रावधानों के अनुसार उपराज्यपाल, जम्मू-कश्मीर के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हाल ही में संभागीय आयुक्तों, जिला मजिस्ट्रेटों, एसपी के साथ बैठक की. इस बैठक के दौरान, उन्होंने जम्मू और कश्मीर के सभी 20 जिलों के डीसी, एसपी को सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उपराज्यपाल ने 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' के तहत गतिविधियों की समीक्षा करते हुए, जिला अधिकारियों को अपने क्षेत्रों के उन लोगों की पहचान करने के लिए कहा जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्हें समारोह में सम्मानित किया जाएगा.
बता दें कि अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने के बाद अब जम्मू-कश्मीर में केवल भारत का तिरंगा झंडा फहराया जाता है. इससे पहले जम्मू-कश्मीर राज्य के संविधान की आर्टिकल 144 के तहत लाल रंग का एक अलग झंडा स्वीकार किया गया था. 7 जुलाई 1952 को जम्मू-कश्मीर की संविधान निर्माता सभा ने एक अध्यादेश पारित करके 11 जुलाई 1939 के झंडे को राज्य के आधिकारिक झंडे के रूप में स्वीकार किया था.
इससे पहले मनोज सिन्हा ने बृहस्पतिवार को जोर देकर कहा कि उनके प्रशासन द्वारा तंत्र में पारदर्शिता लाने के साथ ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया गया है. साथ ही कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के विकास कार्यों में तेजी लाना उनकी प्राथमिकता है. सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा, 'पूर्व में केंद्र से भारी संख्या में राशि आई लेकिन सवाल यह है कि क्या उस अनुपात में आवश्यक विकास कार्य हुए. हम तंत्र में पारदर्शिता लाए हैं और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया गया है, जिससे जमीनी स्तर पर कार्य हुए हैं.' मुख्य सचिव बी वी आर सुब्रह्मणयम, वित्तीय आयुक्त अरुण कुमार मेहता और सूचना विभाग के प्रधान सचिव रोहित कंसल भी उपराज्यपाल के साथ मौजूद रहे. उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर के लिए बजट में 1,08,621 करोड़ रुपये का प्रावधान किए जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया.
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