logo-image

चंद्रयान-3 के बाद ISRO की एक और कामयाबी, स्पेस में बिजली बनाने का किया सफल परीक्षण

इसरो ने बताया कि उसने पारंपरिक बैटरी सेल की अपेक्षा ज्यादा कुशल और कम लागत वाले नए प्रकार के सेल का परीक्षण किया है.

Updated on: 06 Jan 2024, 05:45 AM

नई दिल्ली:

चंद्रयान-3 की सफलता के बाद शुक्रवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) को एक और सफलता हाथ लगी है. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने स्‍पेस में बिजली बनाने की तकनीक का सफल परीक्षण किया है. फ्यूल सेल तकनीक का इसरो ने सफलता से परीक्षण किया है. ऐसा दावा किया गया है कि इस तकनीक की मदद से इसरो अंतरिक्ष स्टेशन पर भविष्‍य में उर्जा की सप्लाई कर सकेगा. ऐसा बताया जा रहा है कि यह तकनीक भविष्‍य में कार-बाइक को ऊर्जा देने में काम आ सकती है. इसरो ने शुक्रवार को इसकी पूरी जानकारी दी है. उसने पारंपरिक बैटरी सेल की अपेक्षा ज्यादा कुशल और कम लागत वाले नए प्रकार के सेल का परीक्षण किया है.

ये भी पढ़ें: बीच समुद्र सफल हुआ नौसेना का साहसी ऑपरेशन, मार्कोस कमांडो ने अगवा जहाज से छुड़ाए 21 बंधक

राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, उसने ‘10 एएच सिलिकॉन-ग्रेफाइट-एनोड’ पर आधारित उच्च ऊर्जा घनत्व वाले ली-आयन सेल को वर्तमान में उपयोग किए जा रहे पारंपरिक सेल की तुलना में कम वजन और कम लागत वाले विकल्प के रूप में तैयार किया है. 

अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, एक जनवरी को पीएसएलवी-सी 58 के प्रक्षेपण के दौरान बैटरी के रूप में सेल का उड़ान परीक्षण में सफलता से पूरा कर लिया गया. इसरो के अनुसार, इस प्रदर्शन के जरिए आत्मविश्वास के आधार पर इन सेल को आगामी परिचालन मिशनों में उपयोग करने को लेकर तैयार किया गया है. इसमें 35-40 प्रतिशत बैटरी द्रव्यमान बचत की उम्मीद जताई गई है.