भारत-इज़रायल में डील, स्पाइक मिसाइल की ताकत के दहलेगा दुश्मन
इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत दौरे पर हैं और रक्षा करार के तहत इस बार स्पाइक मिसाइल को हिंदुस्तान के लिए चुना गया है।
नई दिल्ली:
इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत दौरे पर हैं और रक्षा करार के तहत इस बार स्पाइक मिसाइल को हिंदुस्तान के लिए चुना गया है। ये मिसाइल छोटी रेंज की होने के साथ साथ बेहद ताकतवर और खतरनाक मिसाइलों में से एक है।
इसके ज़रिए हज़ारों टन वजनी टैंक को निस्तेनाबूत किया जा सकता है। इज़रायल की राफेल कंपनी स्पाइक मिसाइल को बनाती है जिसे भारत की रक्षा अनुसंधान संस्था यानी DRDO ने लेने से मना कर दिया था लेकिन इस मिसाइल पर हुई बातचीत ने दोनों देशों को और करीब ला दिया है।
किसी भी जंग में टैंक अपनी अहम भूमिका निभाते हैं और किसी भी दुश्मन की इस ताकत को तोड़ने के लिए ज़रूरी है एंटी टैंक मिसाइलें और टैंकों का खत्मा करने के लिए इज़रायल की ये मिसाइल बिल्कुल दुरुस्त बताई जा रही है।
हिंदुस्तान के पास हालांकि फ़्रांस की मिलन-T2 मिसाइल पहले से ही मौजूद है। इसकी मारक क्षमता दो किलोमीटर तक है जबकि पाकिस्तानी लश्कर के पास चीन में बनी HJ-8 पोर्टेबल एंटी टैंक मिसाइल है, जिसे पाक सेना ने ‘बख्तर शेख’ नाम दे रखा है।
हिंदुस्तान के पास अभी ऐसी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नहीं जो रात को वक्त टारगेट को हिट कर सके। इसी कमी को पूरा करने के लिए आने वाली है स्पाइक मिसाइल जो इजरालय की चौथी पीढ़ी की मिसाइल है।
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इतना ही नहीं ये मिसाइल आमने-सामने के मोर्चे पर बहुत मददगार साबित होती है। इससे दुश्मन के टैंकों पर बिना चूक के निशाना लगाया जा सकता है। इसकी काबिलियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया के 26 देश इस मिसाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं।
2014 में सेना की एंटी टैंक मिसाइल की मांग पूरी करने के लिए इज़राय के इस तेज़ तर्रार तीर को चुना गया है। हालांकि अमेरिका में बनी जेवलिन मिसाइल भी स्पाइक को टक्कर देती है, लेकिन हिंदुस्तान में लंबे इंतज़ार के बाद राफेल को मिसाइल बनाने की जिम्मेदारी दी है।
खबरों की माने तो इस करार में भारत की तरफ से दो मुख्य शर्तें रखी गई हैं। पहली कि इजराइल मिसाइल का निर्माण भारत में होगा और दूसरी शर्त ये कि इजराइल इस मिसाइल को बनाने की तकनीक भारत के साथ साझा की जाएगी।
इस मैन-पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल को बनाने से पहले भी DRDO देश को नाग और अनामिका जैसी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल दे चुका है। लेकिन इज़रायल की मदद से बनाई जाने वाली स्पाइक मिसाइल को नाग और अनामिका का अपग्रेड और आसान वर्जन बताया जा रहा है।
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