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IAF 667 करोड़ रुपये में HAL से छह डोर्नियर-228 विमान खरीदेगा

छह विमानों की वर्तमान खेप एक अपग्रेडेड फ्यूल एफिशिएंट इंजन के साथ पांच-ब्लेड वाले प्रोपेलर के साथ खरीदी जाएगी. यह विमान पूर्वोत्तर के आधे-अधूरे तैयार और छोटे रनवे समेत द्वीपों के लिहाज से बिल्कुल उपयुक्त हैं.

Updated on: 10 Mar 2023, 09:19 PM

highlights

  • डोर्नियर-228 विमान की आपूर्ति 6 वर्ष में होगी
  • 70 बेसिक ट्रेनिंग विमानों को खरीदने का फैसला 

नई दिल्ली:

रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 667 करोड़ रुपये की लागत से भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए छह डोर्नियर-228 विमानों की खरीद के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए. इन विमानों का उपयोग भारतीय वायु सेना द्वारा रूट ट्रांसपोर्ट और संचार सेवाओं के लिए किया गया जाएगा. इसके अलावा इनका उपयोग भारतीय वायुसेना के परिवहन पायलटों के प्रशिक्षण में भी होगा. छह विमानों की वर्तमान खेप एक अपग्रेडेड फ्यूल एफिशिएंट इंजन के साथ पांच-ब्लेड वाले प्रोपेलर के साथ खरीदी जाएगी. यह विमान पूर्वोत्तर के आधे-अधूरे तैयार और छोटे रनवे समेत द्वीपों के लिहाज से बिल्कुल उपयुक्त हैं. इनके अलावा छह विमानों के शामिल होने से दूर-दराज के इलाकों में भारतीय वायुसेना की परिचालन क्षमता में और इजाफा होगा.

70 बेसिक ट्रेनिंग विमानों की खरीद पर भी हुआ था फैसला
इससे पहले 7 मार्च को रक्षा मंत्रालय ने सेना के लिए 70 बेसिक ट्रेनिंग विमानों को खरीदने का फैसला किया. यह विमान एचटीटी-40 हैं, इन्हे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से 6,800 करोड़ रुपए में खरीदा जाना है. इसके अलावा रक्षा मंत्रालय ने 3,100 करोड़ रुपए में 3 कैडेट प्रशिक्षण समुद्री जहाजों की खरीद के लिए लार्सन एंड टूब्रो लिमिटेड(एलएंडटी) के साथ अनुबंध किया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में यह निर्णय लिए गए थे.

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एचटीटी-40 ट्रबो प्रॉप विमानों की खूबियां
एचटीटी-40 एक ट्रबो प्रॉप विमान है, जिसमें अच्छी कम गति के हैंडलिंग गुण हैं और यह विमान बेहतर प्रशिक्षण प्रभाव प्रदान करता है. इसमें पूरी तरह से एयरोबेटिक सीट ट्रबो ट्रेनर में वातानुकूलित कॉकपिट, आधुनिक एवियोनिक्स, हॉट री-फ्यूलिंग, रनिंग चेंज ओवर और जीरो-जीरो एविक्सन सीटें हैं. यह विमान नए पायलटों के प्रशिक्षण के लिए भारतीय वायुसेना के मौलिक प्रशिक्षण विमानों की कमी पूरा करेगा. खरीद में सिमुलेटर सहित संबंधित उपकरण और प्रशिक्षण सहायता शामिल होगी. एक स्वदेशी समाधान होने के नाते यह विमान भारतीय सशस्त्र बलों की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने और समय के अनुसार अपग्रेडिंग के लिए कन्फीगर करने योग्य है. विमान की आपूर्ति 6 वर्ष में की जाएगी.