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हादिया ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा-‘मुसलमान हूं और मुसलमान ही रहना चाहती हूं’

हादिया उर्फ अखिला अशोकन ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि वह मुसलमान है और मुसलमान के तौर पर ही अपनी जिंदगी जीना चाहती है।

Updated on: 20 Feb 2018, 08:49 PM

highlights

  • हादिया ने सुप्रीमकोर्ट ने हलफनामा दाखिल कर कहा-मुसलमान बने रहना चाहती हूं 
  • हलफनामे में कहा है कि वह शाफीन जहां की पत्नी है

नई दिल्ली:

केरल में 'लव जिहाद' को लेकर चर्चा में आयी हादिया उर्फ अखिला अशोकन ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि वह मुसलमान है और मुसलमान के तौर पर ही अपनी जिंदगी जीना चाहती है।

हादिया ने अपने हलफनामे में कहा है कि वह शाफीन जहां की पत्नी है, जिससे शादी करने के लिए उसने इस्लाम धर्म अपनाया है।

बता दें कि 27 नवंबर को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की बेंच के समक्ष हादिया ने कहा था कि वह आजादी के साथ अपनी जिंदगी जीना चाहती है।

सुप्रीम कोर्ट ने हदिया को उसके अभिभावकों के संरक्षण से मुक्त करते हुये उसे कॉलेज में पढ़ाई जारी रखने का निर्देश दिया था। हालांकि हदिया ने अनुरोध किया था कि उसे उसके पति शफीन जहां के साथ जाने दिया जाए।

23 जनवरी को इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एनआइए को हदिया की शादी की वैधता की जांच करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि वो बालिग है ऐसे में इसकी जांच नहीं कराई जा सकती है।

हादिया के पिता अशोकन ने बेटी के जबरदस्ती धर्मांतरण कराने और मुस्लिम शख्‍स से शादी कराने का आरोप लगाया था। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी को करेगा।

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