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ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में भगोड़े नीरव मोदी की भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील पर सुनवाई शुरू  

इस साल अगस्त की शुरुआत में नीरव मोदी को इस आधार पर इंग्लैंड से भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की अनुमति दी गई थी कि भारत लौटने से उसका मानसिक स्वास्थ्य खराब होगा और वह आत्महत्या कर सकता है.

Updated on: 14 Dec 2021, 04:36 PM

highlights

  • नीरव के वकील तर्क दे रहे हैं कि उनके मुवक्किल गंभीर अवसाद से पीड़ित हैं
  • अदालत आज तय करेगा कि नीरव मोदी का भारत प्रत्यार्पण किया जाए या नहीं
  • दक्षिण लंदन के वैंड्सवर्थ जेल में उनकी मानसिक स्थिति और बिगड़ गई थी

 

नई दिल्ली:

ब्रिटने के उच्च न्यायालय में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील पर सुनवाई शुरू हो गयी है. मंगलवार को भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण संबंधी अपील पर सुनवाई करते हुए नीरव मोदी के मानसिक स्वास्थ्य संबंधी दस्तावेजों का परीक्षण किया. नीरव मोदी ने मानसिक स्वास्थ्य और मानवाधिकार आधारों पर राहत के लिए अपील कर रखी है. अदालत आज तय करेगा कि नीरव मोदी का भारत प्रत्यार्पण किया जाए या नहीं. 

इस साल अगस्त की शुरुआत में नीरव मोदी को इस आधार पर इंग्लैंड से भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की अनुमति दी गई थी कि भारत लौटने से उसका मानसिक स्वास्थ्य खराब होगा और वह आत्महत्या कर सकता है.

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नीरव के वकील लंबे समय से तर्क दे रहे हैं कि उनके मुवक्किल गंभीर अवसाद से पीड़ित हैं और अगर उन्हें मुंबई की आर्थर रोड जेल में कैद किया जाता है तो उन्हें पर्याप्त चिकित्सा देखभाल नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि मार्च 2019 में लंदन में उनकी गिरफ्तारी और कोविड -19 महामारी के दौरान जेलों पर लगाए गए सख्त प्रतिबंधों के बाद दक्षिण लंदन के वैंड्सवर्थ जेल में उनकी मानसिक स्थिति और बिगड़ गई थी.

उन्होंने कई चिकित्सा विशेषज्ञों को भी इस बात का सबूत देने के लिए पेश किया था कि नीरव मोदी को आत्महत्या करने का भारी खतरा है.