'नागालैंड के गांधी' पद्मश्री नटवर ठक्कर का 86 साल में निधन
गांधीवादी दर्शन और शांति के प्रचार-प्रसार के अपने प्रयासों के कारण उन्होंने 'नगालैंड के गांधी' की उपाधि पायी.
नई दिल्ली:
प्रख्यात गांधीवादी नटवर ठक्कर का रविवार को संक्षिप्त बीमारी के बाद यहां के निजी अस्पताल में निधन हो गया. वह 'नागालैंड के गांधी' नाम से लोकप्रिय थे. उनके परिवार से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी. वह 86 वर्ष के थे और उनके परिवार में पत्नी लेंटीना आओ, एक बेटा और दो बेटियां हैं. तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें 19 सितंबर को यहां के अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
उनके बेटे डॉ. आओतोशी ने बताया कि उनकी हालत काफी सुधर गयी थी, लेकिन अचानक उनका रक्तचाप गिरने लगा और बाद में उनके गुर्दों ने काम करना बंद कर दिया.
ठक्कर का पार्थिव शरीर नगालैंड के चुचुयिमलांग में उनके कार्यस्थल पर रविवार शाम तक रखा रहेगा. 'पद्मश्री' से सम्मानित ठक्कर ने चुचुयिमलांग में नगालैंड गांधी आश्रम की स्थापना की थी.
और पढ़ें: गांधी150 : गांधी ने अंतिम जन्मदिन पर कहा था, 'अब जीने की इच्छा नहीं'
गांधीवादी दर्शन और शांति के प्रचार-प्रसार के अपने प्रयासों के कारण उन्होंने 'नगालैंड के गांधी' की उपाधि पायी.
वह महाराष्ट्र से थे और नगालैंड में 1955 में आने के बाद से उन्होंने को राज्य को हमेशा के लिये अपना घर बना लिया.
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