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पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सरकार को दी नसीहत, बोले- सड़कों पर उतर रहे युवाओं के विचार भी महत्वपूर्ण

भारत की संस्कृति सबको साथ लेकर चलने की है. नागरिकता संसोधन कानून का जिक्र किए बिना पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि कुछ महीनों में अलग-अलग मुद्दों पर लोग सड़कों पर उतरे

Updated on: 23 Jan 2020, 11:55 PM

नई दिल्ली:

पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने गुरुवार को निर्वाचन आयोग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने पहले सुकुमार सेन स्मृति व्याख्यान को संबोधित करते हुए अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र का समय-समय पर टेस्ट किया गया है. पिछले कुछ महीनों में लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर निकले हैं, विशेष रूप से युवा, उन मुद्दों पर अपने विचार रखने के लिए जो उनकी राय में महत्वपूर्ण हैं. साथ ही उन्होंने सरकार को नसीहत भी दे डाली.

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी की बात सुनने, विचार व्यक्त करने, विमर्श करने, तर्क वितर्क करने और यहां तक कि असहमति का महत्वपूर्ण जगह है. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि देश मे शांतिपूर्ण आंदोलनों की मौजूदा लहर एक बार फिर हमारे लोकतंत्र की जड़ों को गहरा और मजबूत बनाएगी. उन्होंने कहा कि सहमति और असहमति लोकतंत्र के मूल तत्व हैं.

भारत की संस्कृति सबको साथ लेकर चलने की है. नागरिकता संसोधन कानून का जिक्र किए बिना पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि कुछ महीनों में अलग-अलग मुद्दों पर लोग सड़कों पर उतरे. खासकर युवाओं ने इन जरूरी मुद्दों पर अपनी आवाज को मुखर किया है. संविधान में इनकी आस्था दिल को छू लेने वाली बात है.