logo-image

भारत-मालदीव विवाद पर विदेश मंत्री जयशंकर ने तोड़ी चुप्पी, बोले- इस बात की गारंटी नहीं...

जयशंकर से मालदीव के साथ राजनयिक मतभेद और भारत के विदेशी सरकारों में बदलाव के बावजूद देश का हित सर्वप्रथम रखने के मुद्दे पर सवाल पूछा गया था, तो उन्होंने कहा कि, हम पड़ोस प्रथम नीति के तहत ही काम करने की कोशिश कर रहे हैं.

Updated on: 15 Jan 2024, 03:57 PM

नई दिल्ली :

भारत और मालदीव के बीच राजनयिक विवाद के बीच, विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा है कि, "राजनीति तो राजनीति है" और इसकी कोई गारंटी नहीं है कि हर देश हमेशा भारत का समर्थन करेगा. मालूम हो कि, मालदीव में चल रहे विवाद पर यह उनकी पहली प्रतिक्रिया थी, जो हाल ही में लक्षद्वीप की यात्रा के बाद मालदीव के कई मंत्रियों द्वारा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों का इस्तेमाल करने के बाद भड़की थी.

हम पड़ोस प्रथम नीति के तहत कर रहे काम...

गौरतलब है कि, जयशंकर से मालदीव के साथ राजनयिक मतभेद और भारत के विदेशी सरकारों में बदलाव के बावजूद देश का हित सर्वप्रथम रखने के मुद्दे पर सवाल पूछा गया था, तो उन्होंने कहा कि, हम पड़ोस प्रथम नीति के तहत ही काम करने की कोशिश कर रहे हैं."

भारत मजबूत संपर्क बनाने की कर रहा कोशिश...

जयशंकर ने महाराष्ट्र के नागपुर में टाउनहॉल 'मंथन' को संबोधित करते हुए कहा, "कहा जा रहा है कि राजनीति, राजनीति है.. मैं इसकी गारंटी नहीं दे सकता कि हर देश में, हर दिन, हर कोई हमारा समर्थन करेगा या हमसे सहमत होगा." उन्होंने कहा कि, "भारत पिछले 10 वर्षों में बहुत मजबूत संपर्क बनाने की कोशिश कर रहा है."

जयशंकर ने कहा कि ऐसी रणनीति यह सुनिश्चित करती है कि, बदलती राजनीति के साथ, विदेशी राष्ट्र के लोगों में भारत के बारे में "अच्छी भावनाएं" हों और वे हमारे साथ स्वस्थ संबंध रखने के महत्व को समझें.