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World Book Fair 2024: 'हर गांव एक लाइब्रेरी'...विश्व पुस्तक मेले में दिखा शानदार पहल का स्टॉल

World Book Fair 2024: मेले में देश-दुनिया से पाठक उमड़ रहे हैं. प्रगति मैदान में चल रहे पुस्तक मेले में पांच हॉलों में किताबों के स्टॉल लगे हैं. सभी हॉल में किताबें और कई आकर्षक स्टॉल हैं.

Updated on: 14 Feb 2024, 07:20 PM

नई दिल्ली:

World Book Fair 2024: देश की राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में 10 फरवरी से किताबों का महाकुंभ शुरू हो गया है, इस बार मेला 8 दिनों तक चलेगा यानी 18 फरवरी आखिरी दिन होगा. अगर आप भी किताबों के संगम में शामिल होना चाहते हैं तो देर न करें क्योंकि इस बार पुस्तक मेले का आयोजन बहुत ही भव्य तरीके से किया गया है. वहीं, मेले में देश-दुनिया से पाठक उमड़ रहे हैं. प्रगति मैदान में चल रहे पुस्तक मेले में पांच हॉलों में किताबों के स्टॉल लगे हैं. सभी हॉल में किताबें और कई आकर्षक स्टॉल हैं. इसी दौरान हमारी नजर एक ऐसे स्टॉल पर पड़ी जो वाकई तारीफ के लायक था.

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हर गांव एक लाइब्रेरी

हम बात कर रहे हैं ग्राम पाठशाला की, इस स्टॉल पर एक सोशल इनिशिएटिव दिखा, जो समाज के उज्ज्वल रास्ते पर ले जाने की बात करता है.इस स्टॉल पर काम करने वाले एक कर्मचारी ने बताया कि हमारा मिशन भारत के हर गांव में एक लाइब्रेरी खोलना है. उन्होंने बताया कि लाइब्रेरी एक ऐसी जगह है जहां आप आराम से समय बिता सकते हैं. गांव में पढ़ने के लिए एक जगह होगी, जहां बच्चे आराम से पढ़ सकेंगे. कर्मचारी ने बताया कि अब तक कई हजार से ज्यादा लाइब्रेरी खोली जा चुकी हैं और हमारा लक्ष्य है कि 6,64,369 लाइब्रेरी खोली जाएंगी.

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मेले में आए रीडर्स ने क्या कहा?

कर्मचारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और उत्तराखंड में कई लाइब्रेरी खोली गयी हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में इसकी शुरुआत गाजियाबाद के एक छोटे से गांव से हुई, जो आज कई गांवों में मौजूद है. इस दौरान मेले में आए एक पाठक ने कहा कि यह वाकई एक अद्भुत पहल है, इस पहल से गांव में अध्ययन संस्कृति का चलन बढ़ेगा और पुस्तकालय एक ऐसी जगह है जहां गांव के बच्चे आसानी से पढ़ाई कर सकते हैं. एक पाठक ने कहा कि इस तरह के पहल की जरुरत है क्योंकि गांव में आज भी शिक्षा की कमी है और ऐसे में लाइब्रेरी एक क्रांति की तरह काम करेगा. एक पाठक ने कहा कि इस मेले में ये देखने को मिला वाकई में ये शानदार पहल है.