'तौकते' के बाद तबाही मचाने पहुंचा चक्रवात 'यास', जानें क्या है अर्थ और किसने रखा नाम
इस तूफान का नाम है 'यास' इस बार इस तूफान का नाम ओमान ने रखा है. मौसम विज्ञानी 'यास' को भी बेहद खतरनाक तूफान मान रहे हैं. इस चक्रवाती तूफान का असर अंडमान निकोबार द्वीप समूह, ओडिशा और पश्चिम बंगाल पर होगा.
highlights
- भारतीय मौसम विभाग ने जारी किया 'यास' का अलर्ट
- 'यास' आगामी 23-24 मई को बंगाल की खाड़ी से गुजरेगा
- 13 देश मिलकर रखते हैं तूफानों के नाम ओमान ने दिया 'यास' नाम
नयी दिल्ली:
चक्रवाती तूफान तौकते ने देश के गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा सहित कई राज्यों में तबाही मचाई. गुजरात में जहां इस तूफान ने 13 लोगों की जान ली तो वहीं महाराष्ट्र में 6 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है. इसके साथ ही जिन जगहों से तूफान गुजरा, वहां तबाही का अलग ही मंजर दिखा. इस बीच बड़ी खबर है कि अगले 4-5 दिनों के बीच एक और भयंकर तूफान से देश का सामना होने वाला है. इस तूफान का नाम है 'यास' इस बार इस तूफान का नाम ओमान ने रखा है. मौसम विज्ञानी 'यास' को भी बेहद खतरनाक तूफान मान रहे हैं. इस चक्रवाती तूफान का असर अंडमान निकोबार द्वीप समूह, ओडिशा और पश्चिम बंगाल पर होगा.
'यास' तूफान का नामकरण इस बार ओमान देश ने किया है. आपको बता दें कि दुनिया में आने वाले तूफानों के नामकरण की परंपरा चलती आ रही है. 'यास' का मतलब होता है निराशा. मौसम विभाग 'यास' तूफान की स्थिति पर नजर बनाए हुए है. उन्होंने निम्न दबाव प्रणाली तेज होने के संकेत भी दिए. देवी ने कहा कि समुद्री सतह का तापमान एसएसटी बंगाल की खाड़ी के ऊपर 31 डिग्री है. यह औसत से लगभग 1-2 डिग्री सेल्सियस ऊपर है. सभी समुद्री और वायुमंडलीय परिस्थितियां चक्रवाती तूफान के अनुकूल हैं. स्पेशल अलर्ट में कहा गया है कि 23-24 मई को साइक्लोन बनने के बाद ये 27 से 29 मई के बीच लैंडफॉल का कारण बन सकता है.
जानें कैसे तय होते हैं तूफानों के नाम
उत्तरी हिंद महासागर में राष्ट्रों ने 2000 में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नामकरण के लिए एक नई प्रणाली का उपयोग करना शुरू किया; ये नाम एल्फाबेट और तटस्थ लिंग के हिसाब से देश के अनुसार सूचीबद्ध हैं. सामान्य नियम यह है कि नाम सूची एक विशिष्ट क्षेत्र के WMO सदस्यों के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान और जल विज्ञान सेवाओं (NMHS) द्वारा प्रस्तावित की जाती है, और संबंधित उष्णकटिबंधीय चक्रवात क्षेत्रीय निकायों द्वारा उनके सालाना और दो साल में होने वाले सत्रों में अप्रूव की जाती है.
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13 देश मिलकर रखते हैं तूफानों के नाम
WMO/संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग एशिया और प्रशांत (WMO/ESCAP) पैनल ऑन ट्रॉपिकल साइक्लोन (PTC) में 13 देशों के सदस्य हैं. इनमें भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान, मालदीव, ओमान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन जो चक्रवात का नाम तय करते हैं.
यह भी पढ़ेंःजानें 'तौकते' का क्या मतलब, कैसे रखे जाते हैं तूफानों के नाम
नई जारी की गई सूची में 169 चक्रवातों के नाम हैं
आठ सदस्यों वाले पैनल ने 2004 में 64 नामों की एक लिस्ट फाइनल की थी. पिछले साल भारत में कहर बरपाने वाले चक्रवात के लिए अम्फान नाम उस सूची में अंतिम नाम था. WMO/ESCAP समिति ने 2018 में पांच और देशों को शामिल करने के लिए सदस्यों की सूची का विस्तार किया. पिछले साल, एक नई सूची जारी की गई थी जिसमें चक्रवातों के 169 नाम हैं, 13 देशों के 13 सुझावों का संकलन है.
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