Coronavirus: RT-PCR रिपोर्ट के बिना एंट्री होगी बैन, इन देशों के लिए सख्त नियम
एक तरफ नया साल कई उम्मीदों को साथ लेकर आया है, वहीं दूसरी तरफ देश में कोरोना के बड़े खतरे के संकेत मिल रहे हैं.
highlights
- सबसे बड़ा खतरा दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों से है
- चीन सहित छह देशों से आने वाले यात्रियों के लिए RT-PCR टेस्ट
- नेगेटिव रिपोर्ट एयर सुविधा पोर्टल पर अपलोड करनी होगी
नई दिल्ली:
Coronavirus: एक तरफ नया साल कई उम्मीदों को साथ लेकर आया है, वहीं दूसरी तरफ देश में कोरोना के बड़े खतरे के संकेत मिल रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, अगले 40 दिन कोरोना संक्रमण को लेकर काफी गंभीर बताए जा रहे हैं. कोरोना के बीते ट्रेंड्स को देखते हुए ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इस बार जनवरी में मामले बढ़ सकते हैं. सबसे बड़ा खतरा दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों से है. इसे ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं. इस कड़ी में 1 जनवरी 2023 से भारत में इंटरनेशनल ट्रैवल को लेकर कुछ दिशा-निर्देश दिए हैं. चीन सहित छह देशों से आने वाले यात्रियों के लिए RT-PCR टेस्ट को अनिवार्य किया गया है. ऐसे में यात्रा से पहले अपनी नेगेटिव रिपोर्ट एयर सुविधा पोर्टल पर अपलोड करनी होगी.
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ऐसा न करने पर भारत में एंट्री बैन होगी. सरकार ने जिन देशों के यात्रियों के लिए आरटी पीसीआर को जरूरी किया है, उनमें चीन, हांगकांग, जापान, साउथ कोरिया, सिंगापुर और थाईलैंड जैसे देश शामिल हैं. वहीं कर्नाटक सरकार ने शनिवार को कोरोना से ज्यादा जोखिम वाले देशों से आने वाले यात्रियों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं.
गाइडलाइन के अनुसार, हाई रिस्क वाले देशों से आने वाले सभी यात्रियों के आगमन पर सात दिनों का होम क्वारंटाइन अनिवार्य किया गया है. एयरपोर्ट पर आने वाले यात्री में अगर किसी तरह के लक्षण दिखते हैं तो उसे तत्काल कोरोना सेंटर इलाज के लिए भेजा जाएगा.
भारत में कब तक कोरोना के पहुंच सकता है
गौरतलब है कि चीन में जारी कोरोना संकट ने वैज्ञानिकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. वैज्ञानिक इस बात का आकलन लगा रहे हैं कि भारत में कब तक कोरोना के पहुंच सकता है. अगर कोरोना की लहर देखने को मिलती है तो कितनी भयानक और कितनी खतरनाक होगी. अब तक के जो ट्रेंड सामने आए हैं, इससे पता चलता है कि ईस्ट एशिया से 35 से 40 दिनों में कोरोना की लहर भारत में पहुंच सकती है. पहली लहर के दौरान चीन से 61 दिनों बाद पहला मामला भारत आया था. भारत में पहली लहर आने सात माह का समय लगा था. मगर अब ऐसा नहीं है, कोरोना का बीएफ-7 वेरिएंट 15 गुना तेजी से फैलता है. ऐसे में भारत में भी ये तेजी फैल सकता है.
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