अध्यादेश के विरोध में AAP के साथ आई कांग्रेस, बेंगलुरू बैठक से पहले वेणुगोपाल ने दिए ये संकेत
आम आदमी पार्टी को इस अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस के हाथ का सहारा मिल गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि बेंगलुरु में होनी वाली विपक्षी दलों की बैठक में केजरीवाल भी शामिल होंगे,
नई दिल्ली:
दिल्ली को लेकर आए केंद्र सरकार के अध्यादेश मुद्दे पर आखिरकार कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी का समर्थन करने का ऐलान कर दिया है. केजरीवाल लंबे समय से कांग्रेस से इस मुद्दे पर अपने साथ आने की अपील कर रहे थे. इस मामले पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हमारी पार्टी केंद्र सरकार के अध्यादेश का विरोध करेगी. उन्होंने कहा कि, सोमवार-मंगलवार को विपक्ष की बैठक बेंगलुरु में होने वाली हैं और इस बैठक में शायद केजरीवाल शामिल होंगे. दरअसल, आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अध्यादेश को राज्यसभा में रोकने के लिए विपक्षी दलों को लामबंद करने में जुटे हैं. केजरीवाल इसी कड़ी में कई विपक्षी दलों के प्रमुखों से भी मिल चुके हैं. उन्हें विपक्षी दलों का समर्थन भी मिला है. केजरीवाल चाह रहे थे कि उन्हें कांग्रेस का भी समर्थन हासिल हो. ऐसे में केजरीवाल को इस अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस का समर्थन मिल गया है.
दरअसल, केजरीवाल देशभर में भ्रमण कर विपक्षी दलों से अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटा रहे थे. केजरीवाल ने शरद पवार, उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, केसीआर समेत कई दलों के नेताओं से मुलाकात कर अध्यादेश के खिलाफ राज्यसभा में वोटिंग की अपील की थी. केजरीवाल को अभी तक 10 से अधिक विपक्षी दलों का समर्थन प्राप्त हो चुका है. हाल ही में पटना में विपक्षी दलों की बैठक में आप ने कांग्रेस से भी इस मुद्दे पर साथ आने की अपील की थी. साथ ही आप ने शर्त भी रखी थी कि जबतक कांग्रेस इस मुद्दे पर उसका समर्थन नहीं करती है तबतक वह अगली बैठक में शामिल नहीं होगी. इसे देखते हुए कांग्रेस ने अध्यादेश के खिलाफ आप का समर्थन किया है.
#WATCH | "Congress party will oppose the Centre's ordinance on Delhi government," says party leader Pawan Khera. pic.twitter.com/lOaLwK6Jba
— ANI (@ANI) July 16, 2023
राज्यसभा में कांग्रेस का बहुमत
राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी बहुमत में है. अगर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सांसद उच्च सदन में अध्यादेश के खिलाफ वोटिंग करते हैं तो यह बिल कानून बनने से रुक सकता है. केजरीवाल चाह रहे हैं कि यह बिल राज्यसभा में पास ना हो.
क्या है पूरा मामला
दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग मामले पर 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी को अधिकार सौंपा था. सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस, कानून व्यवस्था और जमीन को छोड़कर बाकी अन्य चीजों पर नियंत्रण करने का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया था, लेकिन 19 मई को केंद्र ने दानिक्स कैडर के ग्रुप-ए अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित करने के उद्देश्य से एक अध्यादेश जारी कर दिया. इसका आम आदमी पार्टी ने खुलकर विरोध किया. केजरीवाल केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से दो हफ्ते में इस पर जवाब मांगा है.
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