अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, हिंसा वाली जगह फिर लगाए टेंट
जानकारी के अनुसार गलवां घाटी में 15-16 जून की रात हुई झड़प में भारतीय सेना ने चीनी सेना के जो सैन्य ढांचे उखाड़ फेंके थे, वहां पर उसने पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के पास चीन ने एक निगरानी पोस्ट बना ली है.
नई दिल्ली:
एक तरफ चीन जहां पू्र्वी लद्दाख में हुई भारत चीनी सैनिकों के बीच झड़प के लिए भारत को जिम्मेदार ठहरा रहा है. वहीं दूसरी तरफ लगातार अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा. जानकारी के अनुसार गलवां घाटी में 15-16 जून की रात हुई झड़प में भारतीय सेना ने चीनी सेना के जो सैन्य ढांचे उखाड़ फेंके थे, वहां पर उसने पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के पास चीन ने एक निगरानी पोस्ट बना ली है. यहां तक कि चीन दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र में पेट्रोलिंग प्वाइंट 10 से 13 तक भारतीय सैनिकों के गश्त करने में रुकावट भी खड़ा कर रहा है. हालांकि, भारत ने भी चीनी सेना के किसी भी उकसावे की कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तैयारी कर ली है.
एलएसी के अग्रिम मोर्चे पर बुधवार को पहुंचे सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने रक्षा तैयारियों का जायजा लेकर जवानों को पूरी मुस्तैदी और हौसले के साथ किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है.
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सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने थपथपाई जवानों की पीठ
सेना प्रमुख ने जवानों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि ऊंचे मनोबल के साथ इसी तरह से ड्यूटी पर डटे रहें. दौरे के बीच बुधवार को लद्दाख के आसमान में भारतीय वायुसेना के जंगी विमानों ने उड़ान भरी. सूत्रों के मुताबिक, चीन की सेना ने चार मई से सैन्य ढांचा बनाना शुरू किया और बड़ी संख्या में तोपें, हथियारबंद रेजिमेंट और रक्षा बैटरी के जमावडे़ के साथ-साथ 10,000 से ज्यादा जवानों की तैनाती कर दी है.
पैंगोंग त्सो झील के साथ लगे फिंगर इलाके में भी चीन ने सेना और सैन्य ढांचे बनाने के काम में तेजी ला दी है. भारतीय पक्ष फिंगर 8 तक अपना दावा जताता रहा है, मगर चीन की सेना गलवां घाटी में झड़प के दौरान से ही फिंगर 4 से आगे जाने पर भारतीय सेना के गश्ती दल का रास्ता रोक रही है. फिंगर इलाके में चीन की सेना नए क्षेत्रों पर कब्जा जमाने की आक्रामक कोशिश कर रही है.
चीन ने बढ़ाई मूवमेंट
ड्रैगन ने सुखोई-30 जंगी विमान और एयर डिफेंस सिस्टम की भी तैनाती की. चीन ने सीमा के दूसरी ओर होतान और गार गुंसा समेत कई हवाई बेस पर भी तैनाती बढ़ा दी है. चीन ने रणनीतिक रूप से बम बरसाने वाले विमान और जंगी जहाजों की तैनाती की है. इनमें रूस में बने सुखोई-30 समेत कई लड़ाकू विमान शामिल हैं. सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, चीन ने रूस से हासिल किए गए दूर तक मार करने वाली एयर डिफेंस सिस्टम को भी भारतीय इलाके के दूसरी ओर अपनी सीमा में तैनात कर दिए हैं.
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