Chandrayaan-3: आखिरी पड़ाव की ओर बढ़ा चंद्रयान-3, 4 दिन बाद ऐसे करेगा साफ्ट लैंडिंग
Chandrayaan-3: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग का समय अगले बुधवार को शाम 5.47 बजे तय किया गया है, शुक्रवार शाम को चार बजे डीबूस्टिंग की प्रक्रिया से गुजरेगा चंद्रयान-3
highlights
- प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर और रोवर से अलग कर दिया गया
- शुक्रवार शाम को करीब चार बजे डीबूस्टिंग से गुजरना होगा
- चंद्रयान-3 के उतरने की तिथि 23-24 अगस्त है
नई दिल्ली:
Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 तेजी से चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है. 4 दिन बाद यानि 23 अगस्त को लैंडर और रोवर चांद की सतह पर साफ्ट लैंडिंग करने वाले हैं. बीते गुरुवार दोपहर के समय चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर और रोवर से अलग कर दिया गया था. लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान जल्द ऐसी कक्षा में उतरने वाले हैं, जिससे यह चंद्रमा की सतह के और करीब हो जाएंगे. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग का समय अगले बुधवार को शाम 5.47 बजे तय किया गया है. वहीं आज यानि शुक्रवार शाम को करीब चार बजे डीबूस्टिंग (गति कम करने की प्रक्रिया) से गुजरते हुए चंद्रयान-3 चंद्रमा की कक्षा में सबसे नीचे आने की उम्मीद है.
नई कक्षा में लाने को लेकर डीबूस्ट किया जाएगा
इसरो के एक अधिकारी के अनुसार, लैंडर को नई कक्षा में लाने को लेकर डीबूस्ट किया जाएगा. इसका अर्थ है कि उसकी गति को कम किया जाएगा. इसके बाद चंद्रमा से दूरी मात्र 30 किलोमीटर हो जाएगी. सबसे कम दूरी से ही 23 अगस्त को चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग तय होगी. दरअसल 30 किलोमीटर की हाइट से चंद्रमा की सतह पर लैंड कराने की प्रक्रिया काफी अहम होने वाली है.
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2019 को साफ्ट लैंडिंग में असफल रहा
चंद्रयान-1 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एम अन्नादुरई के अनुसार, अब असली परीक्षा की घड़ी है. चंद्रयान को चांद की सतह पर साफ्ट लैंडिंग करनी है. आपको बता दें कि चंद्रयान-3 से पहले 2019 में चंद्रयान-2 सात सितंबर को 2019 को साफ्ट लैंडिंग में असफल रहा था. अगर चंद्रयान-3 सॉफ्ट लैंडिंग करने में कामयाब होता है तो अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद भारत इस तकनीक को हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश होगा.
दुनिया भर के वैज्ञानिकों में उत्साह
रूस का लूना-25 भी अलगे हफ्ते चांद की सतह पर उतरने वाला है. दोनों यानों के चंद्रमा पर उतरने की संभावित तिथि को लेकर दुनिया भर के वैज्ञानिकों में उत्साह का माहौल है. लूना-25 के चंद्रमा पर लैंड करने की तारीख जहां 21-23 अगस्त है, वहीं चंद्रयान-3 के उतरने की तिथि 23-24 अगस्त है.
पानी की मौजूदगी संभव
चांद का दक्षिणी ध्रुव इसलिए अहम बताया जा रहा है क्योंकि इसके आसपास पानी की मौजूदगी की संभावना हो सकती है. यहां पर संभावना है कि कई और अहम सूचनाएं प्राप्त हो सकती हैं. सब कुछ सही रहा तो चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के नजदीक लैंड करने वाला विश्व का पहला यान होगा. पूरी दुनिया की नगाहें लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान की प्रतिक्रियाओं पर टिकी हुई हैं.
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