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भ्रष्टाचारियों के बाद अब लापरवाहों पर गिरी गाज, केंद्र ने 312 अधिकारियों को दिया जबरन रिटायरमेंट

इस मामले में 2014 से लकेर 2019 तक रिव्यू किया गया था. ये रिव्य़ू ग्रुप A के 36000 और ग्रुप B के 82000 हजार अफसरों पर हुआ था जिसमें से अब 312 अधिकारियों की कार्यशैली में लापरवाही को देखते हुए उन्हें हटा दिया गया है

Updated on: 10 Jul 2019, 02:48 PM

नई दिल्ली:

भ्रष्टाचार करने वाले सरकारी अधिकारियों पर लगाम कसने के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त रुख अपना रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार ने 312 सरकारी अधिकारियों को काम में लापरवाही बरतने के चलते जबरन रिटायरमेंट दे दिया है. जानकारी के मुताबिक इसमें कई सीनियर तो कई जॉइंट सेक्रेटरी रैंक के अधिकारी भी मौजूद हैं.

जिन अधिकारियों को रिटायरमेंट दी गई है उनमें ग्रुप A के 125 और ग्रुप B के 187 अधिकारी शामिल हैं. दरअसल इस मामले में 2014 से लकेर 2019 तक रिव्यू किया गया था. ये रिव्य़ू ग्रुप A के 36000 और ग्रुप B के 82000 हजार अफसरों पर हुआ था जिसमें से अब 312 अधिकारियों की कार्यशैली में लापरवाही को देखते हुए उन्हें हटा दिया गया है.

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इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने भी जीरो टॉलरेंस की नीति पर सख्ती से अमल करते भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई की थी जिसमें दो साल के भीतर 600 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी. इनमें से 200 अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट दिया गया था, जबकि 400 से ज्यादा अधिकारियों को बृहद दंड दिया गया है.

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इससे पहले केंद्र सरकार ने भी 15 वरिष्ठ अधिकारियों को अनिवार्य रूप से रिटायरमेंट दे दिया था. ये 15 वरिष्ठ अधिकारी मुख्य अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के प्रधान आयुक्त, आयुक्त, और उपायुक्त के रैंक के हैं. इन अधिकारियों को ऑर्टिकिल 56 के तहत रिटायरमेंट दिया गया है.