अयोध्या मामले में न्यायालय के फैसले से पहले केंद्र ने राज्यों से अलर्ट रहने को कहा
गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश और खासतौर पर अयोध्या में सुरक्षा तैनाती के लिए अर्द्धसैनिक बलों के 4,000 जवानों को भेजा है.
दिल्ली:
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले से पहले केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से अलर्ट रहने और संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश और खासतौर पर अयोध्या में सुरक्षा तैनाती के लिए अर्द्धसैनिक बलों के 4,000 जवानों को भेजा है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक आम परामर्श जारी किया गया है जिसमें उन्हें सभी संवेदनशील इलाकों में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात करने को कहा गया है. साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि देश में कहीं भी, किसी भी स्थान पर कोई अप्रिय घटना नहीं हो. उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए मंत्रालय ने अर्द्धसैनिक बलों की 40 कपंनियां राज्य में भेजी है. अर्द्धसैनिक बलों की एक कंपनी में करीब 100 जवान होते हैं. अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला 17 नवंबर से पहले आने की संभावना है.
देश के 80 फीसदी मुस्लिम चाहते हैं राममंदिर का निर्माण- वेदांती
वेदांती ने कहा कि जिस जगह राम का जन्म हुआ है वही भव्य मन्दिर बनेगा. मंदिर के 84 कोशी परिक्रमा के अंदर कोई भी मस्जिद का निर्माण नहीं होगा. उन्होंने बताया कि जितना विरोध मुसलमानों ने नहीं किया, उससे ज्यादा कांग्रेस ने किया और कांग्रेस ने हिन्दू-मुस्लिम को लड़ाने का काम किया. वेदांती ने कहा, 'वर्ष 1993 में सैयद शहाबुद्दीन ने लोकसभा में कहा था कि यदि वहां रामजन्म के सम्बंध में कोई भी साक्ष्य मिलते हैं तो वहां राम मंदिर निर्माण करवाया जाए. खुदाई के दौरान जो भी साक्ष्य मिले हैं वह पूर्णतया रामजन्म के स्थान को सिद्ध करते हैं. यह नजूल की भूमि है और नजूल भूमि पर केंद्र सरकार का अधिकार होता है.' उन्होंने आगे कहा, 'धारा 370 हटाए जाने पर जितना दुख कांग्रेस को हुआ उतना तो जम्मू-कश्मीर के मुस्लिम समाज के लोगों को भी नहीं हुआ. भारत के 80 प्रतिशत मुसलमान रामजन्म भूमि के पक्ष में हैं. आतंकवाद से जुड़े लोग राम मंदिर के विरोध में हैं.'
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मोदी सरकार ने योगी सरकार को चेताया
खुफिया सूचनाओं के माध्यम से यह पता चला है कि लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे समूहों से जुड़े करीब आधा दर्जन आतंकी अपने पाकिस्तानी संचालकों के इशारे पर राज्य में आतंकी हमले करने के लिए नेपाल की सीमा से होकर उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर चुके हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी, पुलिस महानिदेशक ओ. पी. सिंह और अन्य विभागों को अंतिम समय में होने वाली गड़बड़ियों से बचने के लिए परिपत्र भेजे गए हैं. खुफिया जानकारी में चेतावनी दी गई है कि आतंकवादी अयोध्या और आसपास के शहरों में छिपे हो सकते हैं. उनमें से कुछ की पहचान कथित तौर पर मोहम्मद याकूब, अबू हमजा, मोहम्मद शाहबाज, निसार अहमद और मोहम्मद कौमी चौधरी के रूप में हुई है.
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हिन्दुओं के भेष में अयोध्या में प्रवेश कर सकते हैं आतंकी
खुफिया जानकारी में कहा गया है कि आतंकवादी अयोध्या में हिंदू पुरुषों के रूप में प्रवेश कर सकते हैं. अयोध्या सुरक्षा को लेकर हमेशा हाई अलर्ट पर रहता है. खासकर विवादित स्थल के आसपास काफी सुरक्षा रहती है. राज्य के पुलिस महकमे ने विश्वास जताया है कि जिस दिन सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मामले पर अपना फैसला सुनाएगा, उस दिन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर में 50 हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे.
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