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देश बांटने की राजनीति कर रहा विपक्ष, 2047 में कैसा भारत चाहिए सोच लेंः नड्डा

विरोधी दलों को विकास यह रास नहीं आ रहा है और वो फिर से एकजुट होकर वोट बैंक और देश को बांटने की राजनीति करने का प्रयास कर रहे हैं.

Updated on: 18 Apr 2022, 11:57 AM

highlights

  • पत्र में मोदी सरकार के 8 सालों की उपलब्धियों को सामने रखा
  • विपक्ष पर तुष्टिकरण-देश बांटने की राजनीति का लगाया आरोप
  • देशवासियों से 2047 में भारत की तस्वीर का खाका खींचने को कहा

नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने देशवासियों के नाम खुला पत्र लिखकर मोदी सरकार (Modi Government) की 8 वर्षों की उपलब्धियों को सामने रखा. इसके साथ ही वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगा विरोधी दलों पर तीखा निशाना भी साधा. उन्होंने देशवासियों के नाम अपने खुले पत्र में आगे की सोचने और 2047 में भारत के लिए योजना तैयार करने का अपील भी की. उन्होंने देशवासियों से इसे लेकर योजना बनाने की गुजारिश की कि जब हम 2047 में स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेंगे तो देश कैसा होगा. राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में देश के युवाओं (Youths) के सक्रिय योगदान की भी मांग करते हुए उन्होंने कहा कि भारत (India) के युवा अवसर चाहते हैं, बाधा नहीं. 

विपक्ष कर रहा तुष्टिकरण की राजनीति
इसके साथ ही नड्डा ने विरोधी दलों द्वारा लिखे गए संयुक्त अपील वाले पत्र को लेकर कांग्रेस, लेफ्ट और त्रिणमूल कांग्रेस सहित अन्य विरोधी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 8 वर्षों में भारत का हर क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है. कोविड के खिलाफ भारत की लड़ाई को दुनिया ने सराहा है. आज दुनिया भर की नजरें भारत पर लगी हुई है. नड्डा ने अपने पत्र में आगे लिखा कि देश की राजनीति पिछले 8 वर्षों में तेजी से बदली है. अब वोट बैंक और देश को बांटने वाली तुष्टिकरण एवं चयनात्मक राजनीति काम नहीं कर रही है. 

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विपक्ष पत्र लिख कर रहा देशवासियों का अपमान
उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' की नीति के तहत समाज के सभी तबके का विकास हो रहा है, लेकिन विरोधी दलों को यह रास नहीं आ रहा है और वो फिर से एकजुट होकर वोट बैंक और देश को बांटने की राजनीति करने का प्रयास कर रहे हैं. भाजपा अध्यक्ष ने विरोधी दलों द्वारा लिखे गए संयुक्त अपील वाले पत्र को लेकर आलोचना करते हुए देशवासियों के नाम लिखे अपने खुले पत्र में कहा है कि एनडीए की नीति उसकी सरकार के कामकाज से दिखाई दे रही है जबकि विरोधी दलों द्वारा लिखे गए पत्र से यह साफ-साफ नजर आ रहा है कि वो हमारे देश की पहचान और मेहनती देशवासियों का अपमान कर रहे हैं.

अशोक गहलोत सरकार को भी घेरा
नड्डा ने राजस्थान में हुई घटना को शर्मनाक बताते हुए कांग्रेस की चुप्पी पर सवाल उठाया. इसके साथ ही नड्डा ने इंदिरा गांधी के कार्यकाल में 1966 में साधुओं पर की गई गोलीबारी, इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी द्वारा दिए गए बयान और सिख दंगे, 1980 के दशक में कश्मीर में कश्मीरी हिंदुओं के साथ किए गए अत्याचार और कांग्रेस की अन्य सरकारों के कार्यकाल में हुई गोलीबारी और दंगों की कई घटनाओं का जिक्र करते हुए कांग्रेस की जमकर आलोचना की, तो वहीं पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु की घटनाओं का जिक्र करते हुए ममता बनर्जी, लेफ्ट पार्टियों और डीएमके पर भी निशाना साधा. 

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एमवीजी की भी आलोचना की
महाराष्ट्र में एक कैबिनेट मंत्री की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए नड्डा ने शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की भी आलोचना की. नड्डा ने अपने पत्र में चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली जीत, राज्यसभा में 100 का आंकड़ा पार करने और उत्तर प्रदेश विधानपरिषद में भी बहुमत हासिल करने का जिक्र करते हुए कहा कि बौखलाहट की वजह से विरोधी दल फिर से देश को बांटने वाली राजनीति करने पर उतर आए है. नड्डा ने देश के लोगों की इच्छाओं का सम्मान करते हुए तमाम विरोधी दलों से अपनी-अपनी राजनीति का ट्रैक बदल कर विकास के मुद्दे पर राजनीति करने की भी अपील की है.